वह 30 अगस्त, 2022 का दिन था. उस समय सुबह के 8 बज रहे थे. हरिद्वार जिले के रुड़की शहर की कोतवाली गंगनहर के कोतवाल ऐश्वर्य पाल उस समय अपने क्वार्टर में ही थे. उस वक्त वह कोतवाली आने के लिए तैयार हो रहे थे.
जैसे ही ऐश्वर्य पाल बाथरूम से नहा कर निकले तो उन्हें अपने क्वार्टर का दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनाई दी.
ऐश्वर्य पाल जोर से बोले, "कौन है?" तभी गेट की दूसरी तरफ से आवाज आई, "सर, मैं थाने का मुंशी संतोष हूं."
इस के बाद ऐश्वर्य पाल ने मकान का दरवाजा खोलते हुए संतोष से पूछा, "सब कुछ ठीक तो है?"
"नहीं सर, काफी देर से कंट्रोलरूम से वायरलैस पर एक मैसेज लगातार आ रहा है. मैसेज में बताया जा रहा है कि अपने थाना क्षेत्र सालियर मंगलौर बाइपास पर सड़क के किनारे एक युवक की गरदन कटी लाश पड़ी है. सर, क्षेत्र में लाश के मिलने का मामला थोड़ा गंभीर है," संतोष बोला.
"ठीक है संतोष, तुम कोतवाली में फोर्स को तैयार करो. मैं 5 मिनट में वरदी पहन कर आता हूं." ऐश्वर्य पाल बोले.
इस के बाद संतोष चला गया.
मामला चूंकि हत्या का था, इसलिए कोतवाल ऐश्वर्य पाल ने लाश मिलने की सूचना तत्काल सीओ विवेक कुमार व एसपी (देहात) प्रमेंद्र डोभाल को मोबाइल द्वारा दी और खुद तैयार हो कर कोतवाली पहुंच गए.
इस के बाद कोतवाल अपने साथ एसएसआई धर्मेंद्र राठी, एसआई पुनीत दसौनी, विक्रम बिष्ट, महिला थानेदार अंशु चौधरी तथा सिपाही इसरार व भूपेंद्र को ले कर घटनास्थल की ओर चल पड़े.
घटनास्थल कोतवाली से महज 8 किलोमीटर दूर था, अतः पुलिस टीम 10 मिनट में ही मौके पर पहुंच गई.
कोतवाल ऐश्वर्य पाल ने देखा कि मौके पर काफी भीड़ थी तथा वहां पर आसपास के गांव वालों की भीड़ युवक की लाश को घेर कर खड़ी थी. वहां खड़े लोग इस लाश के बारे में तरहतरह की बातें कर रहे थे. पुलिस को देख कर वहां से लोगों की भीड़ छंटने लगी थी.
ऐश्वर्य पाल ने लोगों से पूछताछ करते हुए पहले मृतक की पहचान कराने का प्रयास किया लेकिन सभी ने पहचानने से मना कर दिया. मृतक की उम्र यही कोई 30-32 साल थी. इस के बाद एसएसआई धर्मेंद्र राठी ने मृतक की जेब में रखे कागजों को चैक किया. उस में एक आधार कार्ड मिल गया.
Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von Satyakatha.
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