लेकिन किसी को भी तरुण पर विश्वास नहीं था, क्योंकि वह अकसर शरारत करता था. इसलिए उन की बुजुर्ग पड़ोसी मिसेज रमा के लिए स्वाभाविक था कि वह उस पर संदेह करें.
"इस सप्ताह चौथी बार किसी ने डोरबेल बजाई है. मैं अपने सूजे हुए घुटनों की वजह से उठ नहीं सकती. दरवाजे पर कोई नहीं है,” झुंझलाहट से मिसेज रमा की आवाज कांप रही थी.
Diese Geschichte stammt aus der February Second 2021-Ausgabe von Champak - Hindi.
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