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Nandan

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दुनिया दिमाग की

दिमाग हमारी कल्पना से भी ज्यादा जटिल और दिलचस्प प्राकृतिक रचना है। शरीर की सभी स्वचालित प्रणालियों को दिमाग संचालित करता है। पलकों का झपकना, सांसों का चलना, दिल की रफ्तार तमाम क्रियाएं दिमाग के इशारे पर चलती हैं।

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September 2020
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ग्रहों का सौदागर

एक उड़नतश्तरी जूम... म... म...' की आवाज के साथ प्रोफेसर राजन के यान के ऊपर से निकली व उनके आगे-आगे उड़ने लगी। प्रकाश से तीन गुना तेज उड़ती उड़नतश्तरी! प्रोफेसर को यह देखकर हैरानी हुई कि वह यान पृथ्वी के 70 कॉलोनी ग्रहों में से किसी का भी नहीं था। तभी उनके यान की स्क्रीन पर शब्द उभरे, अपने यान का इंजन बंद कर दीजिए। यह हमारे नियंत्रण में है। हम दोस्त हैं। आप हमारे यान में तुरंत आ जाइए।'

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September 2020
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सबसे बुद्धिमान है इनसान

चिनगारी ने आदिमानव को आग जलाना सिखाया | फिर मांस पकाकर खाने की शुरुआत हुई। अपनी सोच-समझ से मनुष्य ने प्राकृतिक वस्तुएं जैसे, आग, पानी और हवा के फायदे जाने। और नदियों व झरनों के किनारे बसना शुरू किया।

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September 2020
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साइंस हमारे आसपास

विज्ञान हम सबके जीवन से जुड़ा जरूरी हिस्सा है। कई बार किसी भी चीज को देखकर हम एक धारणा बना लेते हैं। उसे फिर जब साइंस की नजर से देखते हैं, तो उसके पीछे का सत्य जानकर हम हैरान रह जाते हैं। आओ, इन मॉडल के जरिए जानें उन रहस्यों को।

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September 2020
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हवा से बातें करती है'मैग्लेव'ट्रेन

जरा सोचो कि तुम एक ऐसी ट्रेन में बैठे हो, जो 800 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ रही है और वह भी अपनी पटरी से थोड़ा ऊपर उठकर। यह कोई सपना नहीं, बल्कि मैग्लेव ट्रेन' नामक एक ऐसा सच है, जो चीन और जापान जैसे देशों में साकार हो चुका है औरनिकट भविष्य में हमारे यहां भी दिखाई देगा।

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September 2020
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मनु की अंतरिक्ष यात्रा

अंतरिक्ष! मनु को यह शब्द बार-बार अपनी ओर आकर्षित करता। उसने अपनी किताब में पढ़ा था कि कैसे अंतरिक्ष में चीजें बिना किसी रोक-टोक के चलती रहती हैं। ना तो वहां दिन-रात का पहरा है और ना ही किसी दूसरी तरह की रोक-टोक क्लास में टीचरके बनाए अंतरिक्ष के चित्र ने उसके कोमल मन को अपना बना लिया था। वह घर आते-आते अंतरिक्ष के बारे में सोच रहा था। मनु अंतरिक्ष के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता था।

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August 2020
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आजादी के स्मारक

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत 1857 में हुई और इसके 90 साल बाद भारत स्वतंत्र हुआ। इस बीच अनगिनत लोगों ने इस आंदोलन में भाग लिया। भगत सिंह जैसे देशभक्तों ने अपने प्राणों की बाजी लगाई, तो मोतीलाल नेहरू जैसों ने अपना घर इस आंदोलन के नाम कर दिया। कई स्मारक हैं, जो इस आंदोलन की याद आज भी ताजा करते हैं

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August 2020
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देशभक्ति की फिल्में

पूरे विश्व में देशभक्ति की फिल्में बनती हैं और पसंद की जाती हैं। खासतौर पर उन देशों में जो कभी न कभी गुलाम रहे हों। देशभक्ति की फिल्में आज के समय में लोगों को याद दिलाती हैं कि इस देश को आजाद कराने के लिए देश के लोगों ने कैसे-कैसे बलिदान दिए हैं।

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August 2020
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वर्फेन में है दुनिया की सबसे बड़ी बर्फानी गुफा

ऑस्ट्रिया के वर्फेन में एक ऐसी बर्फानी गुफा है, जहां शिवलिंग जैसी बहुत विशाल आकृति बनती है। गुफा में इसके अलावा कई और भी आकृतियां बनती हैं।

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August 2020
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छोटी-छोटी खुशियां

खुश रहना उतना ही जरूरी है, जितना खाना-पीना। छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढ़ना भी एक कला है। खेलते-कूदते तुम बच्चों को अकसर कहते सुना गया है कि मुझे टेंशन हो रही है। आओ बताएं कि जिन लोगों ने देश-दुनिया में अपनी अलग जगह बनाई है, वे बचपन में कैसे खुश रहते थे...

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July 2020
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आजादी की खुशी

राजू को पढ़ना, स्कूल जाना, खेलना, नई-नई चीजें खाना, सब पसंद है।पर सबसे ज्यादा पसंद है, मिठू से बोलना, उसे चुग्गा- पानी देना, उसे देखकर खुश होना ।मिठूजी, हां उसके पिंजरे में बंद एक सुंदरसा तोता।स्कूल से आते ही उसे संभालता, जाते वक्त 'टा- टा' कहना नहीं भूलता।

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July 2020
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सबसे पहले सीखी चींटियों ने खेती

चींटियों को पानी में रहने में भी महा- रत हासिल होती है। कुछ प्रजातियों की चींटियां पानी की सतह पर चल सकती हैं और कुछ तैर सकती हैं। कुछ पानी में 24 घंटे तक जीवित रह सकती हैं।

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July 2020
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हंसी से जीतो दिल

बहुत बड़े से पार्क में कई जानवर चले आ रहे थे, हाथी, शेर, चीता, हिरन व खरगोश । मगरमच्छ, मछलियां भी आई थीं, बहुत से बच्चे भी वहां इकट्ठे थे। सुपरमैन, बैटमैन, शिनचैन भी उधर कोने से निकलकर आ रहे थे।तरह-तरह के जानवर, तरह-तरह के कार्टून चरित्र पार्क में आए थे बच्चों से मिलने, उनसे बातें करने।

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July 2020
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आओ खेलें मस्ती भरे खेल

खेल खेलने की न कोई उम्र होती है, ना ही खेलने वालों के लिए खेलों की ही कोई कमी है। घर के अंदर घर वालों के साथ भी इतने खेल खेले जा सकते हैं कि छुट्टियां खत्म हो जाएं, पर शायद सभी खेल पूरी तरह से ना खेल पाएंगे हम।

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June 2020
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थोडी सी खुशियां

इस बार गरमियों की छुटटी मनीष अपने चाचाजी के यहां कानपुर गया था। उसके दादा-दादी जी भी वहीं रहते थे। वहां उनका पुस्तैनी मकान था। उसके पापा को अपनी नौकरी के कारण अलग-अलग शहरों में रहना पड़ता था। यूं तो मनीष को कई दिनों से अपने दादा- दादी, चाचा-चाची और चेचरे भाई-बहन से मिलने की बहुत इच्छा थी, इसलिए वह इस बार छुट्टियां होते ही यहां चला आया था।

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June 2020
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दक्षिणा

राजा भोज के दरबार में एक बहुरूपिया पहुंचा और पांच रुपए की दक्षिणा मांगी।

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June 2020
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दादी का मोती

मोती एक शिकारी कुत्ता था।पतला-दुबला, लंबा, देखने में जरा भी खूबसूरत नहीं लगता था ।पर उसकी आंखें बड़ी थीं। हमेशा प्यार से चमकती रहती थीं। दादी को वह बहुत प्यार करता था। दादी भी उसे बहुत चाहती थीं।

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June 2020
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बिल्ली का भोजन

एक बार दक्षिण भारत में चूहों ने अन्न के भंडार नष्ट कर दिए राजा कृष्णदेव राय ने फारस देश से सैकड़ों बिल्लियां मंगवाईं। हर परिवार को एक-एक गाय और एक-एक बिल्ली दे दी। साथ ही कहा, "गाय के दूध से बिल्ली को पाला जाए।” तेनालीराम को भी एक गाय और एक बिल्ली मिली।

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June 2020
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हवा का खेल

पटना कॉलेजिएट स्कूल के प्ले ग्राउंड में राम मनोहर सेमिनरी और बीएन कॉलेजिएट स्कूल के बीच फुटबॉल का मैच चल रहा था।

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June 2020
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तानू और नानू

दो चूहे थे तानू और नानू, जो शैतानों के सरदार थे। दोनों ही दिनभर धमा-चौकड़ी मचाते और दूसरों को परेशान करते थे।

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June 2020
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मुनमुन घोड़ा

पेडर चाचा बहुत सुंदर खिलौने बनाया करते थे। फिर गांव-गांव घूमकर आवाज लगाते, "आओ बच्चो, पेडर आया।"

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May 2020
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मिलती हैं जहां परियां खुशियों के वेश में...

परियां होती हैं या नहीं, इस बहस से अलग शायद हर बच्चे ने अपने बचपन में अपने बड़ों से परी कथाएं जरूर सुनी होंगी। परियों की छड़ी, उनके साथी बौने और परियों की बच्चों से दोस्ती की कहानी पढ़-सुनकर ही बच्चे बड़े होते हैं। ये परी कथाएं हमें क्या सिखाती हैं, आओ जानें...

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May 2020
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फिर आएगा छुट्टियों का मजा

गरमी आते ही तुम्हारे मन में यह बात जरूर आती होगी कि इस बार इन छुट्टियों में क्या- क्या करना है!छुट्टियों में तुम घर में रहकर ही मस्ती कर सकते हो। कुछ क्रिएटिव काम करके अपना समय बिता सकते हो।

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May 2020
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परियां कहां से आई

परी कथाएं सुनना, कहना या पढ़ना हर बच्चे को पसंद होगा। परी की कल्पना कैसे और क्यों हुई, कैसे सारी दुनिया में परी कथाएं छा गईं और इसमें ऐसी क्या खास बात है कि आज भी बच्चों में इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई? आओ जानते हैं

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May 2020
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नई किताबों ने कहा

हमेशा की तरह इस बार भी अपनी नई किताबें देखकर चेतना खुशी से फूली नहीं समा रही थी। रंग-बिरंगी खूबसूरत चित्रों वाली किताबों के बंडल को वह बार-बार देखती, मुसकराती और उन्हें प्यार से सहलाती।

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May 2020
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टेक्नो अंकल से पूछो

क्या मैं अपनी सुविधानुसार अपना कंप्यूटर 'स्विच ऑन' या 'स्विच ऑफ' करने का कमांड दे सकती हूं ?

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May 2020
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जेब्रा से बनी जेब्रा क्रॉसिंग

जेब्रा की बॉडी इसे गधे और घोड़े के वर्ग में शामिल करती है। इनकी शारीरिक बनावट ही इन्हें एक-दूसरे से अलग भी करती है। जेब्रा के शरीर पर सफेद और काला, केवल दो ही रंग होते हैं। यही इन्हें इनके वर्ग के दूसरे जानवरों से बिल्कुल अलग रूप देते हैं।

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May 2020
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जलपरी ने कहा

'समुद्र के तट पर एक गरीब मछुआरा रहता था। एक दिन वह मछली पकड़ रहा था, तो जाल में एक जलपरी आ फंसी। उसका धड़ और सिर एक स्त्री का था और बाकी शरीर मछली का मछुआरा चकित होकर उसकी ओर देखने लगा।

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May 2020
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चंचल मछलियां

प्राचीन समय की बात है। छत्तीसगढ़ के महाराजा दिग्विजय सिंह ने अपने राज्य के राजनांद गांव में दो तालाबों का निर्माण करवाया। एक तालाब का नाम 'रानीसागर' और दूसरे तालाब का नाम 'बूढ़ासागर' था।

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May 2020
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बेजान भी बोलते हैं

घड़ी ने दो बजाए। बेल बजाने के बाद दरवाजा खुलते ही कृष्णा और आध्या धड़धड़ाते हुए कमरे में प्रवेश कर गए। दोनों ने अपने कंधे से बस्ते उतारे और सोफे पर पटक दिए। फिर कपड़े बदलने लगे।दादाजी सोफे पर बैठे थे। वह बच्चों के स्कूल से आने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने पूछा, “बच्चो, कैसा रहा स्कूल का दिन ? क्या- क्या किया ?"

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April 2020