Open Eye News - August 2021Add to Favorites

Open Eye News - August 2021Add to Favorites

Keine Grenzen mehr mit Magzter GOLD

Lesen Sie Open Eye News zusammen mit 8,500+ anderen Zeitschriften und Zeitungen mit nur einem Abonnement   Katalog ansehen

1 Monat $9.99

1 Jahr$99.99

$8/monat

(OR)

Nur abonnieren Open Eye News

1 Jahr $1.99

Diese Ausgabe kaufen $0.99

Geschenk Open Eye News

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digital Subscription
Instant Access

Verified Secure Payment

Verifiziert sicher
Zahlung

In dieser Angelegenheit

August 2021

स्वतंत्रता के वास्तविक लक्ष्यों का प्रश्न

एक पक्ष अगर अपने मूल भारत के लक्ष्य से संघर्ष कर रहा था तो दूसरे का लक्ष्य अंग्रेजों को भगाकर स्वतंत्रता प्राप्त करना था। इन सबका बलिदान एक ही श्रेणी का था, लेकिन दृष्टि और लक्ष्य अलग-अलग थे। अगर स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का मूल्यांकन इस आधार पर करें कि 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज जिस दुरावस्था वाले भारत को छोड़ कर गए थे, उसकी तुलना में आज हम कहां खड़े हैं तो ज्यादातर मानक हमारे अंदर गर्व का अनुभव कराएंगे। आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, वैज्ञानिक, यातायात, संचार, रक्षा, सुरक्षा, प्रशासन, हर क्षेत्र में हम आज उन पायदानों पर खड़े हैं, जिसकी कल्पना आजादी के समय विश्व तो छोडएि, स्वयं भारतीयों को नहीं थी। 193 करोड़ रुपये से पहला बजट पेश करने वाला भारत 27 लाख करोड़ के बजट वाला देश बना है तो कल्पना की जा सकती है कि कितनी बड़ी छलांग हमने लगाई है। 1962 में चीन के हाथों अपमानजनक पराजय झेलने वाले देश ने पिछले वर्ष गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को जिस ढंग से मुंहतोड़ जवाब दिया, उससे बड़ा उदाहरण एक महत्वपूर्ण रक्षा शक्ति बन जाने का दूसरा नहीं हो सकता। पहले इंदिरा गांधी और फिर अटल बिहारी वाजपेयी ने नाभिकीय परीक्षण करके पूरी दुनिया को चौंका दिया तो नरेंद्र मोदी ने उपग्रहों को नष्ट करने की शक्ति का परीक्षण करके। स्वतंत्रता के समय अंग्रेजों सहित पश्चिमी विद्वानों ने भविष्यवाणी कर दी थी कि भारत में कभी संसदीय लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता।

स्वतंत्रता के वास्तविक लक्ष्यों का प्रश्न

1 min

अफगानिस्तान में खरबों डॉलर झोंक कर भी क्यों हार गया अमेरिका ?

पिछले 20 वर्षों में तालिबान को बाहर करने के लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान में खरबों डॉलर झौंक दिए हैं, यह एक ऐसा प्रयास था जो स्पष्ट रूप से असफल रहा। लेकिन देश की सामरिक भौगोलिक स्थिति और क्षेत्र की राजनीति (तालिबान के समर्थन सहित) पर एक नज़र हमें बताती है कि यह परिणाम होना ही था।

अफगानिस्तान में खरबों डॉलर झोंक कर भी क्यों हार गया अमेरिका ?

1 min

मानवाधिकारों को लेकर सीजेआई का नजरिया

आजादी के 74 साल बाद भी देश की पुलिस नहीं बदली। उसका व्यवहार आज भी अंग्रेजों की पुलिस जैसा है। एक बार थाने पहुंच जाइए, सच्चाई सामने आ जाएगी।

मानवाधिकारों को लेकर सीजेआई का नजरिया

1 min

अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उद्योगों को रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ाने होंगे

वर्ष 1947 में भारत की आजादी के तुरंत बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 55 प्रतिशत पाया गया था, जो आज घटकर 16-18 प्रतिशत के बीच रह गया है, हालांकि देश में लगभग 60 प्रतिशत के आसपास आबादी आज भी गांवों में ही निवास करती है। वर्ष 1947 के बाद से आज सेवा क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक हो गया है।

अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उद्योगों को रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ाने होंगे

1 min

भारतीय बैडमिंटन का जगमगाता सितारा हैं पुसरला वेंकट सिंधु

भारतीय बैडमिंटन की प्रिंसेस मानी जाने वाली पीवी सिंधु (पुसरला वेंकट सिंधु) ने टोक्यो ओलम्पिक में लगातार दूसरी बार पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हालांकि 26 वर्षीया सिंधु को इस बार कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा जबकि 2016 के रियो ओलम्पिक में उन्होंने रजत पदक जीता था।

भारतीय बैडमिंटन का जगमगाता सितारा हैं पुसरला वेंकट सिंधु

1 min

इंटरनेट गेमों की खुमारी में गुम होता बचपन

आज इंटरनेट का दायरा इतना असीमित है कि अगर उसमें सारी सकारात्मक उपयोग की सामग्री उपलब्ध हैं तो बेहद नुकसानदेह, आपराधिक और सोचने-समझने की प्रक्रिया को बाधित करने वाली गतिविधियां भी बहुतायत में मौजूद हैं।

इंटरनेट गेमों की खुमारी में गुम होता बचपन

1 min

Lesen Sie alle Geschichten von Open Eye News

Open Eye News Magazine Description:

VerlagOpen Eye Media Publications

KategorieNews

SpracheHindi

HäufigkeitMonthly

Open Eye News is an informative political, social and investigative news magazine published from Bhopal, Madhya Pradesh, that believes in journalism for public interest. The articles and reporting from different levels given in it are fascinating, insightful and packed with unique content. It is a purely unbiased feature of local influence with a national perspective. Our targeted readers are the common man, influential people, intellectuals and decision-makers of important segments of the state. Open Eye News fully perceives the local issues and provides comprehensive coverage on the same. A unique publication printed in both English and Hindi keeping the suitability and comfort of both kinds of readers in mind.

  • cancel anytimeJederzeit kündigen [ Keine Verpflichtungen ]
  • digital onlyNur digital
MAGZTER IN DER PRESSE:Alle anzeigen