This story is from the October 2020 edition of Rishi Prasad Hindi.
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देशद्रोहियों, आतंकवादियों को भी मानवाधिकारों के नाम पर सुविधा किंतु एक संत को जीवन-रक्षा हेतु नहीं कोई राहत!
जिन्होंने पूरी जिंदगी स्वदेशी को आगे बढ़ाया है उनको फोर्स किया जा रहा है कि तुम विदेशी इलाज कराओ!
गुरुदेव के स्वास्थ्य हेतु किये जप-अनुष्ठान का जादुई प्रभाव!
२०१२ में मुझे आँतों में सूजन हुई, जिसके लिए मैंने आयुर्वेदिक दवाइयाँ शुरू कीं। हालाँकि उनसे पूरा लाभ तो नहीं हो रहा था फिर भी मैंने सेवन चालू रखा।
मेडिकल ग्राउंड व मानवता के आधार पर आशारामजी बापू को बेल मिलनी ही चाहिए
...यहाँ तक कि अगर सुप्रीम कोर्ट में किसीकी अपील खारिज हो जाय तो भी उसको भी अपने अनुकूल ट्रीटमेंट का अधिकार है। आशाराम बापू की तो हाईकोर्ट में अपील भी पेंडिंग है। ऐसे में अगर उन्हें उनका अधिकार नहीं मिलता तो उनके साथ अन्याय होगा।
रामराज्य लाना है तो पहले बापूजी को रिहा करो!
व्यासपीठ सच नहीं बोलेगी तो कौन सच बोलेगा? जिस राष्ट्र में कवि और वक्ता ये दो चुप हो जाते हैं न, उस राष्ट्र का पतन हो जाता है।
हनुमानजी का स्वभाव अपने जीवन में ले आओ!
मंगलमय संदेश - श्री हनुमानजी के प्राकट्य दिवस पर विशेष
श्रीरामजी, दशरथजी और कौसल्याजी का तात्त्विक अर्थ
मंगलमय संदेश - श्रीराम नवमी पर विशेष
शाहों के शाह साँईं लीलाशाह!
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के प्राकट्य दिवस पर विशेष
बालक पुरुषोत्तम का भगवत्प्रेम
गंगा-तट पर स्थित देवपुरी नामक गाँव में पुरुषोत्तमदासजी महाराज नाम के एक बहुत उच्च कोटि के संत हो गये। उनका जन्म एक साधारण कुटुम्ब में हुआ था। ३-४ साल की उम्र में उनके पिता चल बसे और ६ साल की उम्र में माता भी चल बसीं। बड़ी बहन ने उनको पाला-पोसा। बहन भगवान की भक्त थी। वह सत्संग में जाती थी तब छोटे पुरुषोत्तम को भी साथ में ले जाती थी।
भागकर कहाँ जाओगे?
एक राजा ने रात में सपना देखा कि एक काली छाया आयी है और कह रही है : \"हे राजन् ! कल शाम को सूरज ढलने से पहले ठीक जगह पर पहुँच जाना।’’
बुद्धि शुद्ध हो तो घसियारिन का उपदेश भी लग जाता है
संत कबीरजी कहते हैं :