![रिश्तों को जोड़ने की कड़ी हैं बच्चे](https://cdn.magzter.com/1338803896/1663001668/articles/GvwYYbjz41663069426804/1663069859130.jpg)
प्रिया की शादी के 1 साल तक घर वालों ने उस से मां बनने या परिवार आगे बढ़ाने को ले कर कोई बात नहीं की. इस मामले में उस के पति भी हमेशा सपोर्टिव रहे और पूछने पर यही कहा कि जब तुम चाहो सिर्फ तभी मां बनने का फैसला लेना. मगर जब शादी के कुछ साल तक बच्चा नहीं हो तो लोगों के दिमाग में सिर्फ एक ही बात आती है कि कुछ कमी होगी. प्रिया के साथ भी ऐसा ही हुआ. लोग उस में ही कमी तलाशने लगे और दबे मुंह ताने भी देने लगे.
'बच्चा नहीं हो रहा, जरूर कुछ कमी होगी ' प्रिया को इस तरह की बातें भी सुनने को मिलने लगीं. दरअसल, आज भी कई लोगों को फैमिली प्लानिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्हें लगता है कि बस शादी हुई और बच्चा हो जाना चाहिए और अगर नहीं हुआ है तो जरूर कोई कमी होगी. देखा जाए तो यह कमी पुरुष में भी हो सकती है. लेकिन प्रैक्टिकली इस कमी का इशारा सिर्फ महिला की तरफ ही होता है.
इन तानों से बचने के लिए प्रिया ने शादी के करीब 2 साल बाद ही फैमिली प्लानिंग खत्म कर मां बनने का फैसला लिया. उस ने अपने पति से इस बारे में बात की. इस के बाद शुरू हुई वह कहानी जहां कई लोगों की जिंदगी एक नए रास्ते की तरफ मुड़ जाती है. प्रिया ने प्राकृतिक तरीके से प्रैगनैंट होने की काफी कोशिश की, मगर ऐसा नहीं हो सका. घर में सब उदास से रहते. सास और वह खुद भी किसी छोटे बच्चे को देखती तो दिल में हूक सी उठती. हर महीने वे 3 दिन आते और उसे फिर से निराश कर के चले जाते.
कई तरह के डाक्टरी चैकअप और इलाज के बाद भी जब कोई नतीजा नहीं निकला तब प्रिया को प्रेगनेंसी के लिए आईवीएफ की मदद लेनी पड़ी. आईवीएफ के जरीए वह जल्द ही प्रैगनेंट हो गई. फिर बहुत इंतजार के बाद जब नन्हा सा फूल उस की गोद में खेलने लगा तो घर भर में खुशी की लहर दौड़ गई. बच्चे को गोद में लेते ही सब के चेहरे पर रौनक छा जाती. वह बच्चा पूरे परिवार को जोड़ने और घर भर की खुशियों की वजह बन गया.
नई खुशी और उत्साह की वजह
هذه القصة مأخوذة من طبعة September First 2022 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة September First 2022 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
![आजादी सिर्फ आदमियों के लिए नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/qq1htPDYY1718105958507/1718106023380.jpg)
आजादी सिर्फ आदमियों के लिए नहीं
पैट डॉग्स आदमी का साथी सदियों से रहा है पर जब से आदमी ने गांवों को छोड़ कर घने शहरों की बस्तियों और फिर बहुमंजिले मकानों में रहना शुरू कर दिया है, मैन ऐनिमल कंपीटिशन चालू हो गया है.
![यहां मायावी मकड़जाल है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/OvlW6FMNK1718105851846/1718105958339.jpg)
यहां मायावी मकड़जाल है
ई कॉमर्स के हजार गुण हों पर ई असलियत में यह एक तरह की साजिश है जिस में सस्ती लेबर का इस्तेमाल कर के खातेपीते लोगों को घर से निकले बिना सब सुविधाएं दिलाना है. ई कॉमर्स का मुख्य धंधा एक तरफ वेयर हाउसिंग, स्टैकिंग और डिलिवरी पर निर्भर है तो दूसरी ओर ग्राहकों को मनमाने प्रोडक्ट घर बैठे पाने के लालच में खरीदने के लिए एनकरेज करना है.
![औरतों को गुलाम बनाए रखने की साजिश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/5SMnmwLJK1718105713090/1718105850025.jpg)
औरतों को गुलाम बनाए रखने की साजिश
पिछले छले आम चुनावों में तरहतरह से मतदाताओं को प्रलोभन देने और हर वोट की कीमत है, समझ कर सभी पार्टियों ने परस्पर विरोधी बातें भी कहीं पर फिर भी जड़ों में अंदर तक जमा भेदभाव पिघला नहीं. देश का बड़ा वर्ग मुसलमानों, दलितों को ही अलगअलग रखता रहा. इन की ही नहीं सवर्णों व ओबीसी यानी पिछड़ों की औरतों को भी निरर्थक समझता रहा.
![मोबाइल जब फोबिया बन जाए](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/LIrFeUXNC1718105466833/1718105667495.jpg)
मोबाइल जब फोबिया बन जाए
क्या आप भी हर समय अपने फोन में लगे रहते हैं, तो आइए जानते हैं क्या हैं इस के नुकसान...
![इंडियन ब्राइडल फैशन शो और क्राफ्ट कला प्रतियोगिता का आयोजन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/6HqJHXqaS1718105326974/1718105464897.jpg)
इंडियन ब्राइडल फैशन शो और क्राफ्ट कला प्रतियोगिता का आयोजन
दिल्ली प्रैस की पत्रिका 'गृहशोभा' द्वारा समयसमय पर महिलाओं को ले कर अनेक छोटेबड़े आयोजन होते रहते हैं. इन आयोजनों के लिए 'गृहशोभा' एक मजबूत मंच है.
![सैक्स के बिना नीरस है दांपत्य](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/opN5uRJOJ1718105096405/1718105335737.jpg)
सैक्स के बिना नीरस है दांपत्य
सैक्स को ले कर अकसर गलत और भटकाने वाली बातें होती हैं. मगर क्या आप जानते हैं इसके फायदों के बारे में...
![क्राइम है सैक्सुअल हैरसमैंट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/luRVVYv4U1718104687124/1718105086609.jpg)
क्राइम है सैक्सुअल हैरसमैंट
शिक्षा ने महिलाओं के विकास और बराबरी का मार्ग तो प्रशस्त किया है, लेकिन कई बार उन्हें कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ती है, जान कर हैरान रह जाएंगे आप...
![क्या है खुश रहने का फौर्मूला](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/vLETcxZ141718104346532/1718104676085.jpg)
क्या है खुश रहने का फौर्मूला
सुखसुविधा से संपन्न जिंदगी जी रहे हैं मगर खुश नहीं रह पाते, तो यह जानकारी आप के लिए ही है...
![गृहशोभा एम्पावर मौम्स इवैंट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/KRRi3uewW1718103902454/1718104331289.jpg)
गृहशोभा एम्पावर मौम्स इवैंट
'मदर्स डे' के खास मौके पर महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए 'दिल्ली प्रैस की मैगजीन गृहशोभा ने 'एम्पावर मौम्स' इवैंट का आयोजन किया. इस के सह-संचालक एपिस थे. एसोसिएट स्पौंसर जॉनसंस एंड जॉनसंस, स्किन केयर पार्टनर ग्रीनलीफ, गिफ्टिंग पार्टनर डेलबर्टो, होमियोपैथी पार्टनर एसबीएल और स्पैशल पार्टनर श्री एंड सैम थे.
![संस्कार धर्म का कठोर बंधन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/861/1728448/b3PMwUniX1718103760866/1718103899129.jpg)
संस्कार धर्म का कठोर बंधन
व्यावहारिकता के बजाय संस्कारों के नाम पर औरतों को गुलाम रखने की एक साजिश सदियों से चली आ रही है. आखिर इस के जिम्मेदार कौन हैं...