रोग का रहस्य और निरोगता का मूल
Rishi Prasad Hindi|October 2022
जो अपने को शरीर मानेगा और मन के साथ जुड़ा रहेगा वह पूर्ण संतुष्ट कभी नहीं होगा।
रोग का रहस्य और निरोगता का मूल

* रोग शरीर की वास्तविकता समझाने के लिए आता है। 

* रोग पर वही विजय प्राप्त कर सकता है जो शरीर से असंगता का अनुभव कर लेता है 

* प्राप्त का अनादर और अप्राप्त का चिंतन, अप्राप्त की रुचि और प्राप्त से अरुचि यही  मानसिक रोग है। 

* वास्तव में तो जीवन की आशा ही परम रोग और आशारहितता ही आरोग्यता है। देहभाव का त्याग ही सच्ची औषधि है। 

* रोग प्राकृतिक तप है। उससे डरो मत। भोग की रुचि का नाश तथा देहाभिमान गलाने के लिए रोग आता है। इस दृष्टि से रोग बड़ी आवश्यक वस्तु है।

هذه القصة مأخوذة من طبعة October 2022 من Rishi Prasad Hindi.

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