फेफड़े हमारे शरीर में ऑक्सीजन का संचार करते हैं. ये खून को शुद्ध करते हैं और सांस को फिल्टर करते हैं. यदि किसी व्यक्ति के फेफड़े में वायरस, बैक्टीरिया या फंगस विकसित हो जाएं तो फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं. फेफड़े जिन छोटीछोटी थैलीनुमा संरचनाओं से मिल कर बने होते हैं उन में संक्रमण के चलते मवाद जमा होने लगता है. इस से सूजन होने लगती है और सांस लेने में दिक्कत होती है. इसे ही लंग इन्फैक्शन कहते हैं. इस की वजह से निमोनिया हो जाता है. जब यह संक्रमण बड़े क्षेत्र में फैल जाता है तो यह ब्रोंकाइटिस नामक बीमारी में बदल जाता है. फेफड़े की बीमारी पर शुरू में ही ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है वरना यह बीमारी टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस भी बन सकती है.
फेफड़े की बीमारी आजकल बहुत तेजी से बढ़ रही है. प्रदूषण, धूम्रपान, नजला आदि के कारण फेफड़ों की बीमारी बहुत आम होती जा रही है. पहले सिर्फ हार्ट अटैक के बारे में सुनाई देता था लेकिन अब फेफड़ों के अटैक की खबर भी खूब सुनाई देने लगी है, जो लोगों की असमय मौत का दूसरा बड़ा कारण बन रहा है.
क्रोनिक औब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के मरीजों में फेफड़ों का अटैक पड़ने की संभावना बहुत अधिक होती है. सीओपीडी फेफड़ों की एक बीमारी है जो फेफड़ों में हवा के प्रवाह को रोकती है. इस बीमारी में फेफड़ों में सूजन आ जाती है. इस के परिणामस्वरूप व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, अतिरिक्त म्यूकस बनना, खांसी और अन्य समस्याएं होती हैं. करीब 20 वर्षों पहले तक सीओपीडी को विदेशी डाक्टर्स धूम्रपान से होने वाली बीमारी मानते थे लेकिन मौजूदा समय में यह बीमारी उन लोगों में भी देखी जा रही है जो धूम्रपान नहीं करते.
लकड़ी और कंडे की आग पर खाना बनाने वाली महिलाओं में यह बीमारी देखी गई है. वहीं कांच और पत्थर का काम करने वाले मजदूरों में, संगमरमर की घिसाई करने वाले कारीगरों में, कार मेकैनिक जो कार आदि की पेंटिंग का काम करते हैं, आदि सभी में फेफड़ों से जुड़ी क्रोनिक बीमारियां देखी जा रही हैं. यातायात पुलिस के वे कौंस्टेबल्स जो बड़े चौराहों पर दिनभर ट्रैफिक नियंत्रण का कार्य करते हैं, अकसर फेफड़े के रोग से ग्रस्त हो जाते हैं.
هذه القصة مأخوذة من طبعة November Second 2023 من Sarita.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة November Second 2023 من Sarita.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
50 प्लस की एंड यंग हौट ब्यूटीज
बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति की सुंदरता कम होने लगती है. उम्र के साथ चेहरे पर लकीरें नजर आना और शरीर में थोड़ी चरबी का बढ़ना आम बात है. लेकिन फिल्म जगत में ऐसी कई अदाकाराएं हैं जिन्होंने अपनी खूबसूरती से उम्र को मात दी है. बढ़ती उम्र के साथ ये ऐक्ट्रैसेस और ज्यादा खूबसूरत होती जा रही हैं.
खुशी हमारी मुट्ठी में
जिंदगी में हमेशा खुश रहने के साथ स्वस्थ, सक्रिय व संतुष्ट जीवन बिताना चाहते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है.
मैट्रो और मोबाइल
मोबाइल का गलत उपयोग करना कितना गलत परिणाम देता है, यह मुझे तब पता चला जब मैं एक दिन मैट्रो में सफर कर रहा था. विश्वास न हो खुद ही जान लीजिए ताकि आप को भी एहसास हो ही जाए.
करीबी रिश्ते में खटास लाए बीमारियां
रिलेशनशिप में खटास न सिर्फ मैंटल हैल्थ को प्रभावित करती है बल्कि फिजिकल हैल्थ पर भी इस का बुरा असर पड़ता है क्योंकि इस से होने वाले स्ट्रैस से कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं.
एबौर्शन का फैसला औरत का ही हो
भारत के अनाथाश्रमों में लाखों की संख्या में ऐसे नवजात शिशु पल रहे हैं जिन को पैदा कर के मरने के लिए सड़कों, कूड़े के ढेर, नालियों व गटर में फेंक दिया गया. क्यों? क्योंकि समय पर गर्भवती अपना गर्भ गिराने में नाकाम रही और मजबूरन उसे अनचाहे बच्चे को जन्म देना पड़ा.
क्यों घर से भाग कर पछताती नहीं लड़कियां
कम उम्र की लड़कियों के घर से भागने की वजहें, थोड़ी ही सही, बदल रही हैं. माना यह जाता है कि लड़कियां आमतौर पर फिल्मों में हीरोइन बनने के लिए भागती हैं और नासमझी के चलते कोई भी उन्हें इस बाबत बहका लेता है.
दहेज से जुड़ी मौतें जिम्मेदार कौन
दहेज हत्या मामले में अकसर लड़के और उस के घर वालों को हिरासत में ले लिया जाता है. मगर क्या सही में दहेज से जुड़े मामलों में हमेशा सारा दोष लड़के या उस के घर वालों का ही होता है? कई बार इस के लिए दोषी खुद लड़की, उस के घर वाले और हमारा समाज भी होता है.
एकादशी महात्म्य - एकादशियों की ऊलजलूल कथाएं बनाम लूट का साधन
एकादशी के कर्मकांड अधिकतर संपन्न व खातापीता तबका करवाते दिखाई देता है. वे बड़े चाव से इस की ऊलजलूल कथाएं सुनते हैं, लेकिन शायद ही वे इस पर कोई सार्थक विमर्श कर पाते हैं या सवाल खड़े कर पाते हैं. अगर वे चिंतनशील होते तो जान जाते कि कैसे एकादशी कर्मकांड पंडों के लूट का साधन के सिवा और कुछ नहीं.
गुड गवर्नेस को मुंह चिढ़ाता पेपर लीक
'मैं अब और जीना नहीं चाहता, मेरा मन भर गया है. मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाए. मैं ने अपनी बीएससी की डिग्री जला दी है. ऐसी पढ़ाई का क्या फायदा जो एक नौकरी न दिला सके.' पेपर लीक से परेशान व निराश युवा बृजेश पाल ने अपनी जान दे दी. यह उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले बृजेश पाल की ही व्यथा नहीं है, देश के कई मजबूर व बेरोजगार नौजवानों की भी यही कहानी है.
प्रज्वल रेवन्ना - राजनेता और पोर्न फिल्मों का धंधेबाज
पोर्न फिल्में अब हर किसी की जरूरत बन चुकी हैं. लोग इन्हें उत्तेजना के लिए भी देखते हैं और कई इन्हीं के जरिए जिज्ञासाएं शांत करते हैं. यह देह व्यापार की तरह का अपराध है जिसे कानूनन तो क्या, किसी भी तरीके से बंद नहीं किया जा सकता. वजह, इस का नैसर्गिक होना है. टैक्नोलौजी ने इस की पहुंच सस्ती और आसान भी कर दी है. पोर्न इंडस्ट्री की अपनी अलग दुनिया है लेकिन इस में हलचल तब मचती है जब प्रज्वल रेवन्ना जैसी कोई हस्ती इस में इन्वाल्व पाई जाती हैं.