आइपीएल का इतिहास ऐसी कई कहानियों का गवाह रहा है। आइपीएल के मंच पर समय-समय पर यह बात सिद्ध हुई है कि इस दौर में “अब राजा का बेटा ही राजा नहीं बनेगा, बल्कि जिसमें काबिलियत होगी वह राजा बनेगा।” लीग के सोलहवें सीजन में आइपीएल की टैगलाइन 'यत्र प्रतिभा अवसरा प्राप्नोतिहि' को सार्थक कर देने वाली कई कहानियां सामने निकल कर आई हैं। आर्थिक संकटों और जीवन के कठिन संघर्षों से जूझने वाले कुछ खिलाड़ी ऐसे चमके कि पूरी दुनिया बस देखती रह गई। इन खिलाड़ियों ने उस परंपरा को भी तोड़ा है कि भारतीय क्रिकेट टीम में बड़े शहरों का ही प्रतिनिधित्व होता है। इन खिलाड़ियों की कामयाबी पूरे भारत के लिए प्रेरणा का कारण है। भारत के गांव, कस्बे में क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को एक हौसला मिला है कि मेहनत की जाए तो, वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन सकते हैं। आइपीएल 2023 में शानदार प्रदर्शन करने वाले इन खिलाड़ियों की प्रेरणादायक कहानियों पर एक नजरः
रिकू सिंह
पांच गेंदों में पांच छक्के जड़कर, आइपीएल में इतिहास रचने वाले कोलकाता नाइट राइडर्स के 25 वर्षीय हीरो रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आते हैं। सिलेंडर वेंडर के पुत्र रिंकू सिंह का बचपन गरीबी और संघर्ष करते हुए बीता। उनके परिवार के हालात इतने खराब थे कि रिंकू सिंह ने एक समय कोचिंग सेंटर में पोछा लगाने का काम करना भी स्वीकार कर लिया। लेकिन क्रिकेट को अपना पहला प्यार मानने वाले रिंकू सिंह ने हिम्मत और उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। इसी विश्वास के बल पर रिंकू सिंह आइपीएल 2023 के स्टार बनकर उभरे हैं। आइपीएल 2023 सीजन में रिंकू सिंह ने 150 की स्ट्राइक रेट के साथ 474 रन बनाकर खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया।
ध्रुव जुरेल
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जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
अगला द्रोण कौन
टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती
हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
क्या बदलाव होने वाला है?
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा