इस दौरान ढोल-नगाड़ों के बीच क्रांतिकारी गीत गाते उत्तर भारत से आए हजारों कार्यकर्ताओं के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इस काफिले का नेतृत्व कर रहे थे. मान के साथ राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल, राज्य के वित्त मंत्री हरपाल चीमा, स्थानीय विधायक शीतल अंगराल, बलकार सिंह, इंद्रजीत मान और रमन अरोड़ा के साथ-साथ आप में भाजपा से आए मोहिंदर भगत और अकाली दल से आए जगबीर बराड़ भी थे. यह सारा तामझाम यह दिखाने के लिए था कि आप प्रत्याशी ही जीत का प्रमुख दावेदार है. आप और मान, दोनों ही, 2022 में मिली शानदार जीत की चमक कायम रखने के लिए बेताब हैं. उस जीत पर एक हद तक इस धारणा का असर पड़ा है कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल प्रॉक्सी के जरिये शासन कर रहे हैं, और कि मान का शासन अप्रभावी है तथा वे राज्य में बढ़ती कट्टरता पर लगाम कसने में असमर्थ हैं. खासकर, अमृतपाल सिंह मामले के बाद प्रशासन की रंगत काफी उतर गई है.
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