![महिला सशक्तिकरण से सुधरेगी फसली व्यवस्था](https://cdn.magzter.com/1344336963/1690864115/articles/lj_R6wYa11690885311890/1690885430049.jpg)
एक नए शोध से पता चलता है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में महिला किसानों को सशक्त बनाने से फसल विविधता में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे स्वस्थ खाद्य पदार्थों की साल भर आपूर्ति में सुधार करने में मदद मिलेगी।
कृषि संबंधी निर्णय लेने, सामुदायिक समूहों और कृषि उपकरणों के मालिकाना रूप में महिलाओं को शामिल करने से अधिक पोषण वाली फसलें उगाई जा सकती हैं।
शोध में कहा गया है कि, अलग-अलग तरह की फसलें उगाने से पर्यावरणीय फायदे होते हैं, मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है, फसलों को कीटों और रोगों का खतरा कम होता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि फसल विविधता किसानों को बाजार में बदलाव करने में सक्षम बनाती है और तेजी से बिगड़ रहे मौसम के पैटर्न के खिलाफ ढलने तथा निपटने में सक्षम बनाती है।
هذه القصة مأخوذة من طبعة 1st August 2023 من Modern Kheti - Hindi.
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![अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कृषि विज्ञानी अरतुरी इल्मारी विरटानन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/dnxC_mYUH1717587904507/1717587989063.jpg)
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कृषि विज्ञानी अरतुरी इल्मारी विरटानन
अरतुरी एक रसायन विज्ञानी थे। 1945 में उनको रसायन विज्ञान के विषय में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 1895 में फिनलैंड के हैलसिनकी में हुआ। उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई फिनलैंड के विपुरी शहर में स्थित क्लासीकल लाइसीऊम से की। उनके द्वारा चारे की फसल के रख-रखाव के लिए कई आविष्कार किये गये।
![गोबर और केंचुआ बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाले सफल किसान-ज्ञानेश तिवारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/RmYRnBDQo1717587825883/1717587902075.jpg)
गोबर और केंचुआ बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाले सफल किसान-ज्ञानेश तिवारी
रासायनिक कीटनाशकों के बुरे प्रभाव के चलते खेती-किसानी में जैविक खाद का उपयोग बढ़ा है। इसी कड़ी में वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के इस्तेमाल का महत्व भी बढ़ा है। गोबर और केंचुआ ने शाहजहांपुर के एक प्रगतिशील युवा किसान की जिंदगी बदल कर रख दी।
![जैवविविधता के नुकसान, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही संक्रामक बीमारियाँ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/qFie3EZd-1717587529923/1717587824109.jpg)
जैवविविधता के नुकसान, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही संक्रामक बीमारियाँ
जिस तरह इंसान पृथ्वी पर बदलाव कर रहा है उन सभी कारकों से न केवल संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं, साथ ही उनमें कमी भी आ सकती है। इस अध्ययन में जो सबसे हैरान करने वाली बात सामने आई, वो यह है कि प्राकृतिक आवासों के खत्म होने या उनमें बदलाव से संक्रामक रोगों का खतरा घट सकता है।
![कवर फसलों से बढ़ सकती है कृषि पैदावार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/QVu3apQ4L1717587412122/1717587527188.jpg)
कवर फसलों से बढ़ सकती है कृषि पैदावार
अक्सर सुरक्षा या कवर फसलों का उपयोग मुख्य फसलों की कटाई के बाद जमीन को ढकने के लिए किया जाता है। कवर फसलें क्या होती हैं? कवर फसलें नकदी फसलों से अलग होती हैं, जैसे कि मकई या सोयाबीन। मिट्टी को सुधारने के लिए फसलों का पहला काम खेत को कवर करना है। वे खेतों में मिट्टी के क्षरण और पोषक तत्वों के नुकसान से बचाने के लिए लगाए जाते हैं।
![मंगल ग्रह पर कैसे हो सकती है सब्जियों की पैदावार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/fhppOp2Jg1717587283506/1717587409390.jpg)
मंगल ग्रह पर कैसे हो सकती है सब्जियों की पैदावार
अंतरिक्ष में मानव बस्तियों को आबाद करना एक ऐसा सपना है, जिसे इंसान सदियों से देख रहा है। हालांकि यह तभी मुमकिन हो सकता है, जब इसके लिए वहां पर्याप्त मात्रा में भोजन, पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध हो। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने अपने एक नए अध्ययन में जांच की है कि कैसे मंगल ग्रह पर सब्जियों की पैदावार में इजाफा किया जा सकता है।
![आलू की फसल को बैक्टीरियल विल्ट रोग से बचा सकता है कैल्शियम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/2LlNscS4M1717587191714/1717587281168.jpg)
आलू की फसल को बैक्टीरियल विल्ट रोग से बचा सकता है कैल्शियम
अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि कैल्शियम, आलू के पौधों को बैक्टीरियल विल्ट नामक रोग से लड़ने में मदद करता है। उनके मुताबिक कैल्शियम, इस बीमारी के प्रति आलू के पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है। यह जानकारी उन किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो दुनिया भर में आलू की खेती से जुड़े हैं।
![पैकिंग भोजन कैसर कारक रसान का होना चिता का विषय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/5-ZXBzwc61717587134851/1717587190345.jpg)
पैकिंग भोजन कैसर कारक रसान का होना चिता का विषय
भारत से विदेशों में निर्यात किए जाने वाले मसालों में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों की मौजूदगी को लेकर हंगामा अभी थमा नहीं है।
![अमेरिकन फाउल बुड मधुमक्खियों का एक विनाशकारी दुश्मन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/5G6_KJI401717586868851/1717587066000.jpg)
अमेरिकन फाउल बुड मधुमक्खियों का एक विनाशकारी दुश्मन
मधुमक्खियां एक सामाजिक कीट हैं जो छत्ते में एक साथ रहती हैं। छत्ते के में सदस्यों के कुल तीन प्रकार है: रानी, श्रमिक और ड्रोन।
![मृदा परीक्षण फसल उत्पादकता एवं गुणवत्ता वृद्धि हेतु वरदान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/0x-LeBTdG1717586538387/1717586857916.jpg)
मृदा परीक्षण फसल उत्पादकता एवं गुणवत्ता वृद्धि हेतु वरदान
किसान भाई यदि भूमि को सुधारना व कम लागत में अधिक मनाफा कमाना चाहते है, तो मृदा परीक्षण अवश्य करायें, जिससे उचित पोषक तत्व प्रबंधन (मांग आधारित) सुनिश्चित किया जा सके। इससे न केवल मृदा स्वस्थ बनी रहेगी बल्कि उत्पादन लागत में कमी आयेगी। वर्तमान भारतीय कृषि परिदृश्य में उत्पादन लागत को कम करते हुए किसानों की आय बढ़ाने पर जोर देने की जरूरत है।
![सहभागी पौध प्रजनन किसानों के लिए एक नई उम्मीद](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1722911/RFBPqIt5c1717586164835/1717586531474.jpg)
सहभागी पौध प्रजनन किसानों के लिए एक नई उम्मीद
सहभागी पादप प्रजनन में भागीदारी (पीपीबी) दृष्टिकोण का एक मूलभूत पहलू है। इसमें पादप प्रजनकों, किसानों, शोधकर्ताओं, उपभोक्ताओं, गैर सरकारी संगठनों, सरकारी संगठनों और कभी-कभी निजी क्षेत्र की संस्थाओं सहित विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग शामिल है।