Samay Patrika Magazine - January 2023Add to Favorites

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In this issue

साल 2022 में किताबों के अलग रंग हमें देखने को मिले हैं। जाहिर है इस साल भी अलग-अलग तरह की किताबों से हम रुबरु होंगे। इस अंक में हमने कश्मीर पलायन पर राहुल पंडिता की पुस्तक ‘मेरी माँ के बाईस कमरे’ की चर्चा की है। यह एक ऐसी आपबीती है, जिसमें एक पूरा समुदाय बेघरबार होकर अपने ही देश में निर्वासितों का जीवन जीने को मजबूर हो जाता है। राहुल पंडिता की यह कहानी झकझोर कर रख देनेवाली है और इसे बार-बार कहा जाना जरूरी है, ताकि हम इतिहास से सबक ले सकें। उनकी दूसरी पुस्तक ‘बहावलपुर का शातिर प्रेमी’ कश्मीर और हाल के दिनों में आतंकवाद पर लिखी गई सबसे महत्त्वपूर्ण कृतियों में से एक है, जिसमें पुलवामा केस, उसके प्रतिकार स्वरूप हुए बालाकोट अटैक और आतंकी समूहों की रहस्यमय दुनिया के बारे में ऐसी जानकारी है, जो पहले कभी प्रकाशित नहीं हुई है। दोनों पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

पेप्सीको की पूर्व अध्यक्ष और सी.इ.ओ. इंद्रा नूयी की आत्मकथा को हिन्दी में पेंगुइन बुक्स ने ‘एक पूरा जीवन’ नाम से प्रकाशित किया है। यह एक असाधारण लीडर के जीवन की ऐसी कहानी है जो प्रोत्साहित भी करती है और साथ ही उनका निजी जीवन आँखें भी नम कर देता है।

एका ने मनोरंजन ब्यापारी का उपन्यास ‘भागा हुआ लड़का’ प्रकाशित किया है जिसमें लेखक ने स्पष्ट रूप से पाठकों के सामने दर्शाया है कि चाहे प्राचीन काल हो या वर्तमान, गरीब और असहाय लोगों का जीवन संघर्षपूर्ण होता आया है। कहानी में दर्ज अमानवीय घटनाओं की व्याख्या मन को झकझोर देती है।

साथ में पढ़ें नई किताबों की ख़ास चर्चा।

कविताओं की अपनी अन्तर्यात्रा

नई किताबें - उन्होंने हिन्दी के विश्रुत उपन्यासों पर और यदा-कदा गद्य के किसी और जॉनर पर कविताएँ लिखने की ठानी।

कविताओं की अपनी अन्तर्यात्रा

1 min

कश्मीरी पंडितों के पलायन की कालजयी कथा

खास किताब - मेरी माँ के बाईस कमरे

कश्मीरी पंडितों के पलायन की कालजयी कथा

1 min

पुलवामा अटैक केस कैसे सुलझा?

बहावलपुर का शातिर प्रेमी

पुलवामा अटैक केस कैसे सुलझा?

1 min

भारत विभाजन और पाकिस्तान के षड्यंत्र

\"पाकिस्तान के लोग तो वैसे ही हैं, जैसे भारत के। उनके सोचने में ज्यादा फर्क नहीं है। एक नागरिक के रूप में वे सुखी जीवन जीना चाहते हैं। लेकिन पाकिस्तान की सत्ता शुरू से ही जिनके हाथों में आई, वे गहरे भय के शिकार हैं। राजनीतिक जमात और पाकिस्तान की सेना ही वहाँ की सत्ता को अपने-अपने ढंग से चला रहे हैं। वे ऐसा माहौल बनाए हुए हैं कि भारतीय नेताओं ने मन से देश का विभाजन स्वीकार नहीं किया। इसलिए वे पाकिस्तान को टिकने नहीं देंगे और भारत को फिर से 'अखंड भारत' बनाने के प्रयास करेंगे।\"

भारत विभाजन और पाकिस्तान के षड्यंत्र

6 mins

पारसी समाज का रोचक इतिहास

वे इन मुद्दों पर गहराई से चिंतन करती हैं कि भारत में पारसी होने का क्या अर्थ है और साथ ही कैसे उनका योगदान भारतीय होने का अभिन्न अंग बन गया।

पारसी समाज का रोचक इतिहास

1 min

'विमल की कहानियों के पाँव अपने ठेठ लोकेल पर टिके हैं'

मनोज रूपड़ा - समय के चालाक और कुटिल हेर-फेर के बाद बनारस के घोर-घनघोर जीवन को एक ऐसे किस्सागो की जरूरत थी, जो वक्त के साथ उतनी ही बेहयाई और बेरहमी से पेश आने की कुव्वत रखता हो।

'विमल की कहानियों के पाँव अपने ठेठ लोकेल पर टिके हैं'

1 min

'रूपम मिश्र का काव्य व्यक्तित्व किसी दन्तकथा से कम नहीं'

रूपम मिश्र की कविता का वैशिष्ट्य यह है कि वह किसी और की तरह नहीं लिखतीं।

'रूपम मिश्र का काव्य व्यक्तित्व किसी दन्तकथा से कम नहीं'

1 min

बच्चों को जल, जंगल, जमीन और जानवर से जोड़ने की कोशिश

खास किताब - जंगल की सैर

बच्चों को जल, जंगल, जमीन और जानवर से जोड़ने की कोशिश

1 min

अमानवीय घटनाओं की व्याख्या करता दिलचस्प उपन्यास

मनोरंजन ब्यापारी ने स्पष्ट रूप से पाठकों के सामने दर्शाया है कि चाहे प्राचीन काल हो या वर्तमान गरीब और असहाय लोगों का जीवन संघर्षपूर्ण होता आया है। कहानी में दर्ज अमानवीय घटनाओं की व्याख्या मन को झकझोर देती है...

अमानवीय घटनाओं की व्याख्या करता दिलचस्प उपन्यास

3 mins

उत्तर-उदारीकरण के आन्दोलन

\"भूमण्डलीकरण के साथ आये सामाजिक बदलाव ने जनआन्दोलनों की प्रवृत्ति और आवृत्ति दोनों पर असर डाला। यह उदारवाद श्रम शक्तियों के लिए बड़ा ही कठोर साबित हुआ। इसने मज़दूर और श्रमिक की बात करने वाले आन्दोलनों को ख़त्म कर दिया।\" - अकु श्रीवास्तव, उत्तर-उदारीकरण के आन्दोलन

उत्तर-उदारीकरण के आन्दोलन

7 mins

टॉप-10 किताबें

दो साल तक कोरोना की मार झेलने के बाद प्रकाशन इंडस्ट्री 2022 में फिर खड़ी हुई और इस साल पिछले साल के मुकाबले बहुत बेहतर किताबें आयीं. अच्छे लेखकों की अलग विषयों पर लिखी किताबें. तो सोचा क्यों ना आप सबसे साझा किया जायें इस साल आयीं ढेरों किताबों में से मेरी पसंद की दस किताबें.

टॉप-10 किताबें

3 mins

वीर नारियाँ - शहीद सैनिकों की साहसी पत्नियों की संघर्ष गाथा

ख़ास किताब - अम्बरीन जैदी

वीर नारियाँ - शहीद सैनिकों की साहसी पत्नियों की संघर्ष गाथा

2 mins

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Samay Patrika Magazine Description:

PublisherSamay Patrika

CategoryFiction

LanguageHindi

FrequencyMonthly

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