Naye Pallav Magazine - Naye Pallav 19
Naye Pallav Magazine - Naye Pallav 19
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Naye Pallav 19 (Naye Pallav Series) is a Hindi literature book With children magazine 'Ghraunda' inner side. You can read here stories, poems, articles, research papers, etc. It is an excellent book of Hindi literature. Full colour ... Edition : 1st ... Age Group : 14 to Above
अंधों की सूची में महाराज
गोनू झा के साथ एकदिन मिथिला नरेश अपने बाग में टहल रहे थे। उन्होंने यूं ही गोनू झा से पूछा कि देखना और दृष्टि-सम्पन्न होना एक ही बात है या अलग-अलग अर्थ रखते हैं?
2 mins
कौवे और उल्लू का बैर
एकबार हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर, उल्लू, आदि सब पक्षियों ने सभा करके यह सलाह की कि उनका राजा वैनतेय केवल वासुदेव की भक्ति में लगा रहता है; व्याधों से उनकी रक्षा का कोई उपाय नहीं करता; इसलिये पक्षियों का कोई अन्य राजा चुन लिया जाय। कई दिनों की बैठक के बाद सबने एक सम्मति से सर्वाङग सुन्दर उल्लू को राजा चुना।
2 mins
ब्राह्मण और सर्प
किसी नगर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण निवास करता था। उसकी खेती साधारण ही थी, अतः अधिकांश समय वह खाली ही रहता था। एकबार ग्रीष्म ऋतु में वह इसी प्रकार अपने खेत पर वृक्ष की शीतल छाया में लेटा हुआ था। सोए-सोए उसने अपने समीप ही सर्प का बिल देखा, उस पर सर्प फन फैलाए बैठा था।
1 min
बोलने वाली गुफा
किसी जंगल में एक शेर रहता था। एकबार वह दिनभर भटकता रहा, किंतु भोजन के लिए कोई जानवर नहीं मिला। थककर वह एक गुफा के अंदर आकर बैठ गया। उसने सोचा कि रात में कोई न कोई जानवर इसमें अवश्य आएगा। आज उसे ही मारकर मैं अपनी भूख शांत करूंगा।
1 min
अज्ञानी की पहचान के कुछ लक्षण
गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा - हे अर्जुन ! जो केवल महत्व या प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए ही जीता है, जो केवल मान की ही प्रतीक्षा करता रहता है और आदर सत्कार होने से ही जिसको संतोष होता है, जो पर्वत के शिखर की भांति सदा उपर ही रहना चाहता है और अपने उच्च पद से कभी नीचे नहीं उतरना चाहता, उसके संबंध में समझ लेना चाहिए कि उसमें अज्ञान की ही समृद्धि है।
7 mins
टॉर्च बेचनेवाला
वह पहले चौराहों पर बिजली के टॉर्च बेचा करता था। बीच में कुछ दिन वह नहीं दिखा। कल फिर दिखा। मगर इस बार उसने दाढ़ी बढ़ा ली थी और लंबा कुरता पहन रखा था।
6 mins
मनुष्य का परम धर्म
होली का दिन है। लड्डू के भक्त और रसगुल्ले के प्रेमी पंडित मोटेराम \"शास्त्री अपने आंगन में एक टूटी खाट पर सिर झुकाये, चिंता और शोक की मूर्ति बने बैठे हैं। उनकी सहधर्मिणी उनके निकट बैठी हुई उनकी ओर सच्ची सहवेदना की दृष्टि से ताक रही है और अपनी मृदुवाणी से पति की चिंताग्नि को शांत करने की चेष्टा कर रही है।
6 mins
जबलपुर के महानायक श्री हरिशंकर परसाई
व्यंग्य लेखन के बेताज बादशाह श्री हरिशंकर परसाई जबलपुर में हमारे पड़ोसी थे। बचपन से मैं उन्हें परसाई मामा कहती आई हूं । मैंने उनके बूढ़े पिताजी को भी देखा है, जिन्हें सब परसाई दद्दा कहते थे। वह दिनभर घर के बाहर डली खटिया पर लेटे या बैठे तंबाकू खाया करते थे। मैं बचपन में उनके तंबाकू खाने की नकल किया करती थी। सबका मनोरंजन होता और सब बार-बार मुझसे उनके तंबाकू खाने की एक्टिंग करवाते थे।
5 mins
जुड़वां भाई
कभी-कभी मूर्ख मर्द जरा-जरा सी बात पर औरतों को पीटा करते हैं। एक गांव में ऐसा ही एक किसान था। उसकी औरत से कोई छोटा-सा नुकसान भी हो जाता, तो वह उसे बगैर मारे न छोड़ता। एकदिन बछड़ा गाय का दूध पी गया। इस पर किसान इतना झल्लाया कि औरत को कई लातें जमाईं। बेचारी रोती हुई घर से भागी। उसे यह न मालूम था कि मैं कहां जा रही हूं। वह किसी ऐसी जगह भाग जाना चाहती थी, जहां उसका शौहर उसे फिर न पा सके।
3 mins
कश्मीरी सेब
कुल शाम को चौक में दो-चार जरूरी चीजें खरीदने गया था। पंजाबी मेवाफरोशों की दूकानें रास्ते ही में पड़ती हैं। एक दूकान पर बहुत अच्छे रंगदार, गुलाबी सेब सजे हुए नजर आए। जी ललचा उठा।
3 mins
कुम्हार की कहानी
युधिष्ठिर नाम का कुम्हार एकबार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकराकर गिर गया। गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया। खून बहने लगा । घाव गहरा था, दवा - दारु से भी ठीक न हुआ। घाव बढ़ता ही गया। कई महीने ठीक होने में लग गये। ठीक होने पर भी उसका निशान माथे पर रह गया।
2 mins
पंचतंत्र के निर्माण की कहानी
महिला रौप्य नामक एक नगर था, जिसका राजा अमर शक्ति था। वह बहुत महान था। उसके तीन पुत्र थे-बहु शक्ति, उग्र शक्ति और अनेक शक्ति।
1 min
आपबीती
साहित्यकारों की जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी जरूर आता है, जब प्रशंसकों की तरफ से उन्हें ढेरों पत्र प्राप्त होते हैं और वो खुशी से झूम उठते हैं।
5 mins
हींगवाला
लगभग गभग 35 साल का एक खान आंगन में आकर रुका। उसकी आवाज सुनाई दी, \"अम्मा... हींग लोगी ?\" भीतर से नौ-दस वर्ष के एक बालक ने निकलकर उत्तर दिया, \"अभी कुछ नहीं लेना है, जाओ !\" पर खान भला क्यों जाने लगा ? जरा आराम से बैठ गया और अपने साफे के छोर से हवा करता बोला, \"अम्मा, हींग ले लो, अम्मा ! हम अपने देश जाता है, बहुत दिनों में लौटेगा।”
4 mins
पत्रकारिता और लेखन
दोनों का कार्य छूरे की धार पर चलने के समान है। दोनों में एक चीज कॉमन है, वह है 'निर्भीकता'। सारे लेखक पत्रकार नहीं होते, पर सारे पत्रकार लेखक होते हैं।
4 mins
प्रेमचंद के फटे जूते
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियां उभर आई हैं, पर घनी मूंछें चेहरे को भरा-भरा बतलाती हैं।
4 mins
दूसरी नाक
लड़के पर जवानी आती देख जब्बार के बाप ने पड़ोस के गांव में एक लड़की तजवीज कर ली। लेकिन जब्बार ने हस्बा की लड़की शब्बू को, जो पानी भरकर लौटते देखा, तो उसकी सुध-बुध जाती रही।
4 mins
एक टोकरी भर मिट्टी
किसी श्रीमान जमीनदार के महल के पास एक गरीब अनाथ विधवा की झोपड़ी थी। जमीनदार साहब को अपने महल का हाता उस झोपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई।
2 mins
लंकादहन
हनुमानजी माता सीता से लंका में अशोकवाटीका में छोटा रूप धारण कर मिले तथा सीता माता की आज्ञा से अपनी भूख मिटाने के लिए वाटिका से फल तोड़कर खाने लगे।
3 mins
मिट्ठू
बूंदरों के तमाशे तो तुमने बहुत देखे होंगे। मदारी के इशारों पर बंदर कैसी-कैसी नकलें करता है, उसकी शरारतें भी तुमने देखी होंगी। तुमने उसे घरों से कपड़े उठाकर भागते देखा होगा। पर आज हम तुम्हें एक ऐसा हाल सुनाते हैं, जिससे मालूम होगा कि बंदर लड़कों से दोस्ती भी कर सकता है।
2 mins
शेर और लड़का
बच्चो, शेर तो शायद तुमने न देखा हो, लेकिन उसका नाम तो सुना ही होगा। शायद उसकी तस्वीर देखी हो और उसका हाल भी पढ़ा हो। शेर अकसर जंगलों और कछारों में रहता है।
5 mins
भारत में प्रसिद्ध महल
भारत महान परंपराओं और शाही अंदाज की एक सुंदर भूमि है। महानता और भव्यता को दर्शाते ये भव्य महल देश के शाही अतीत की एक शानदार झलक प्रस्तुत करते हैं। ये महल भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और इन स्थानों को एक पर्यटक स्थल में बदल चुके हैं। इन महलों की सुंदरता, कलाकृति और भव्यता वास्तव में दर्शनीय है, जिन्हें सभी को देखना चाहिए।
9 mins
सिंड्रेला
हर लड़की को अपने राजकुमार का इंतजार होता है, जो घोड़ी में आकर उसे ले जाये। लगभग सभी लड़कियां यही सपने देखकर बड़ी होती हैं। सिंड्रेला भी ऐसी ही लड़की थी, जो बचपन से अपने राजकुमार का इंतजार करती आ रही थी। सिंड्रेला के हालात बहुत खराब एवं मजबूरी भरी थे, तब भी उसने यह सपना देखना नहीं छोड़ा था। सिंड्रेला के जीवन में एक परी आती है, जो उसके जीवन को बदल देती है, उसे उसके राजकुमार से मिलाती है। चलिए, आज आपको परियों की दुनिया में लेकर चलते हैं और सिंड्रेला और उसके राजकुमार से मिलाते हैं।
6 mins
आखिर बेटियां अचानक कहां गायब हो रहीं
हाल ही में संसद में महिलाओं और बच्चियों के गायब होने का आंकड़ा पेश किया गया। वह काफी चौंकाने वाला है।
3 mins
बिबिया
अपने जीवनवृत्त के विषय में बिबिया की माई ने कभी कुछ बताया नहीं, किन्तु उसके मुख पर अंकित विवशता की भंगिमा, हाथों पर चोटों के निशान, पैर का अस्वाभाविक लंगड़ापन देखकर अनुमान होता था कि उसका जीवन-पथ सुगम नहीं रहा।
5 mins
विश्वास
“उर्मि ! यह क्या हालत बना रखी है तुमने? अब देखा नहीं जाता। तुम्हारी दयनीय हालत, स्वास्थ्य और अजब की वेशभूषा देखकर अचंभित हूं मैं।
5 mins
बनियान
त्रिशा, सिरीश के लिए टिफिन भरती हुई एक सांस में बोलती जा रही थी।
1 min
एक सच ये भी
हल्की फुसफुसाहट के बाद चेहरे पर प्रश्नवाचक मुस्कान लिए लड़के एक-एक कर कक्षा के बाहर चले गए।
1 min
जिम्मेदारी
कहानी के पन्नों को एकत्रित करती हुई शांभवी सोचती रही... पता नहीं क्या कमी रह गई उसकी रचना में। संपादक ने पढ़कर सीधा ही रद्द कर दिया। हर बार की तरह उसने इस बार भी नारी व्यथा को ही कहानी का केंद्र चुना, पर प्रकाशन वालों ने स्वीकारा नहीं।
2 mins
भारत के शास्त्रीय नृत्य
भारत के संगीत नाटक अकादमी ने मुख्यतः आठ शास्त्रीय नृत्य के नाम सुझाये हैं-
3 mins
Naye Pallav Magazine Description:
Publisher: Naye Pallav
Category: Young Adult
Language: Hindi
Frequency: Quarterly
Naye Pallav is a Hindi magazine published from Patna, Bihar, India. You can read here Hindi, Literature, Poems, Short Stories, Stories, Research Papers, Travelling, Memories and much more.
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