Modern Kheti - Hindi Magazine - 15th April 2024Add to Favorites

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In this issue

Packing & Labeling in Agricultural

मिट्टी के पीएच में सुधार और फसल पैदावार बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने विकसित किए नए उत्पाद

भारत में लगभग 67.3 लाख हैक्टेयर भूमि लवणीयता से प्रभावित है। लवणीय मिट्टी कृषि उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, जिससे अक्सर फसल उत्पादन गतिविधियां आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं हो पाती हैं।

मिट्टी के पीएच में सुधार और फसल पैदावार बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने विकसित किए नए उत्पाद

1 min

जीएम कपास की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए बायोटेक, हस्तक्षेप जारी रखने का आह्वान

कपास विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) कपास पर ठोस जोर देने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा है कि एक मजबूत कपड़ा मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने और राज्यों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए यह महत्वपूर्ण होगा।

जीएम कपास की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए बायोटेक, हस्तक्षेप जारी रखने का आह्वान

2 mins

पूर्वीजर हरियाणा में धान की सीधी बिजाई एक प्रयत्न तो बनता है

हरियाणा प्रदेश के उत्तर पूर्वी भाग (अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत आदि जिले) में धान की फसल का अपना ही एक महत्व है। यहां के धान की उच्च गुणवत्ता और विक्रय के लिए बाजार के स्थायी तंत्र की उपस्थिति के कारण धान का स्थान ग्रहण करने के लिए वर्तमान में कोई दूसरी फसल विद्यमान नहीं है। किन्तु जिस परम्परागत विधि से धान की खेती यहां पर की जा रही है वह बहुत ही दीर्घकालिक नहीं प्रतीत हो रही है।

पूर्वीजर हरियाणा में धान की सीधी बिजाई एक प्रयत्न तो बनता है

5 mins

बढ़ती अर्थव्यवस्था के शोर में कृषि को उपेक्षित न छोड़ा जाए...

जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश का किसान देश की राजधानी दिल्ली को मांगों के समथर्न में घेरने की तैयारी से मोर्चा लेकर सीमा क्षेत्र में बैठा हुआ है। सरकार एवं किसान आंदोलनकारियों के बीच दौर की वार्ता अभी तक बेनतीजा ही रही है।

बढ़ती अर्थव्यवस्था के शोर में कृषि को उपेक्षित न छोड़ा जाए...

5 mins

ग्रीन हाउस में फूलों की खेती

हमारे देश की जलवायु ऐसी है जहां सभी प्रकार के फूल उगाये जाते हैं। किन्तु वर्तमान समय की विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नियंत्रित वातावरण में फूल उपजाए जाते हैं, जो सामान्यतः खुले वातावरण में ठीक से नहीं उपजाए जा सकते हैं।

ग्रीन हाउस में फूलों की खेती

3 mins

स्वैः मंडीकरण में पैकिंग एवं लेबलिंग का महत्व

\"मंडीकरण कृषि व्यापार का एक अहम पहलु है। उचित मंडीकरण द्वारा मंडी में उपभोक्ताओं की जरुरतों का पता लगाकर आवश्यक वस्तु/सेवा उपलब्ध करवाई जा सकती है। मंडीकरण गतिविधियों के कारण कृषि उद्यमी वस्तु की बेच संभावना में इजाफा कर सकते हैं और वस्तुओं के अच्छे मूल्य भी प्राप्त कर सकते हैं। मंडीकरण गतिविधियों में वस्तु की गुणवत्ता, पेशकारी, कीमत, बेच स्थान एवं प्रचार को शामिल किया जाता है।\"

स्वैः मंडीकरण में पैकिंग एवं लेबलिंग का महत्व

10 mins

सी. एस. टी. एल. से बीज सैंपल पुन: परिक्षण

बीज खेती किसानों की जरूरत है, बीज उत्तम ही नहीं, सर्वोत्तम होना चाहिए। बीज की पावनता, पवित्रता, शुद्धता बनी रहे। इसके लिए भारत सरकार ने बीज अधिनियम-1966, बीज नियम-1968 तथा बीज नियंत्रण आदेश-1983 लागू किए हैं।

सी. एस. टी. एल. से बीज सैंपल पुन: परिक्षण

5 mins

मधुमक्खी पालन पर मौसम का असर और उसका निवारण

मधुमक्खी पालकों को बदलते हुए मौसम में मधुमक्खियों का पालन करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। बदलते मौसम के कारण मधुमक्खियों की आबादी और उत्पादन शक्ति पर गहरा असर पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप मधुमक्खी पालकों को आर्थिक रुप से भी नुकसान होता है।

मधुमक्खी पालन पर मौसम का असर और उसका निवारण

4 mins

लम्पी त्वचा रोग के पीछे अनेक वेरिएंट

मई 2022 में, भारत भर में मवेशी एक रहस्यमय बीमारी से मरने लगे थे। तब से लगभग 1,00,000 गायें इसके विनाशकारी प्रकोप से अपनी जान गंवा चुकी हैं, वैज्ञानिकों ने इसकी पहचान लम्पी या गांठदार त्वचा रोग के रूप में की।

लम्पी त्वचा रोग के पीछे अनेक वेरिएंट

3 mins

फास्फोरस का अधिक उपयोग नुकसानदायक...

फास्फोरस के अधिक कुशल उपयोग से इस महत्वपूर्ण उर्वरक का सीमित भंडार 500 से अधिक वर्षों तक चल सकता है। बढ़ती आबादी की भोजन की मांग को पूरा करने के लिए दुनिया भर में फॉस्फोरस समेत कई उर्वरकों की मदद से फसलों के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।

फास्फोरस का अधिक उपयोग नुकसानदायक...

2 mins

भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी केंचुओं की दो नई प्रजातियां

ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूओ) और केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं ने भारत में केंचुओं की दो नई प्रजातियों की पहचान की है। केंचुओं की यह नई प्रजातियां ओडिशा के कोरापुट में खोजी गई हैं।

भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी केंचुओं की दो नई प्रजातियां

2 mins

ड्रैगन फ्रूट का जुम तैयार करने के लिए विकसित की नई तकनीक

बढ़ती मांग को पूरा करने और टिकाऊ बागवानी प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) के शोधकर्ताओं ने रेडी-टू-सर्व ड्रैगन फ्रूट जूस तैयार करने के लिए अभिनव तकनीक विकसित की है।

ड्रैगन फ्रूट का जुम तैयार करने के लिए विकसित की नई तकनीक

1 min

खेत में उपज से लेकर थाली में पहुंचने तक बर्बाद हो रहा 13 प्रतिशत अनाज

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की फूड वेस्ट इंडेक्स 2024 रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में पूरी दुनिया में 1.05 अरब टन भोजन बर्बाद हो गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार करीब 20 प्रतिशत भोजन कूड़े में फैंक दिया जाता है।

खेत में उपज से लेकर थाली में पहुंचने तक बर्बाद हो रहा 13 प्रतिशत अनाज

2 mins

15.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है मधुमक्खी पालन बाजार

मधुमक्खियां फसलों को परागित करके कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, फिर भी दुनिया के कई हिस्सों में मधुमक्खियों की आबादी घट रही है। इससे मधुमक्खी पालन-मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन में गहरी रुचि पैदा हो रही है। वास्तव में, वैश्विक मधुमक्खी पालन बाजार का आकार 2022 में 10.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2032 तक 15.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो इस अवधि के दौरान 4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है।

15.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है मधुमक्खी पालन बाजार

2 mins

मक्का फसल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर खोज

बदलती जलवायु में मक्का उत्पादकों को किसी भी समस्या के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें नई और तेजी से बदलती बीमारियां भी शामिल हैं। यह अनुमान लगाना असंभव है कि कौन से साल में कौन सी हानिकारक बीमारी सामने आएगी। हालांकि, कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली मक्के की फसल, उत्पादकों के लिए एक बड़ी जीत हो सकती है।

मक्का फसल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर खोज

2 mins

वायु प्रदूषण से घटती है परागण क्रिया

परागण की प्रक्रिया से आशय परागकणों का नर से मादा के अंगों में पहुंचना है। यह पौधों के लिए प्रजनन का एक जरूरी हिस्सा है। इस प्रक्रिया में पौधों को कीट-पतंगों के माध्यम से भोजन मिलता है, जिसे कीट परागण के रूप में जाना जाता है। लेकिन अब एक अध्ययन में सामने आया है कि कीट परागण की प्रक्रिया बाधित हो रही है और इसके लिए वायु प्रदूषण भी जिम्मेवार है।

वायु प्रदूषण से घटती है परागण क्रिया

1 min

मौजूदा खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक

हमारी खाद्य प्रणाली, यानी जिस तरह से हम खाद्य पदार्थ उपजाते हैं, उनकी मार्केटिंग करते हैं तथा उन्हें खाते हैं, ने एक तरफ हमारी खाद्य जरूरतें पूरी की हैं तो दूसरी तरफ निरंतर अल्प पोषण, मोटापा, जैव विविधता और पर्यावरण को नुकसान तथा जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं भी पैदा की हैं।

मौजूदा खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक

2 mins

कीटनाशकों के बिना फसल सुरक्षा के लिए नई खोजें

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कृमि (वर्म) की एक नई प्रजाति खोजी है। उनका दावा है कि यह नन्हा जीव कीटनाशकों के बिना भी फसलों को कीटों से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह सूक्ष्म कृमि पहले कीटों को संक्रमित करते हैं, फिर उन्हें खत्म कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने अमेरिकी जीव विज्ञानी बायरन एडम्स के सम्मान में इस नई प्रजाति को \"स्टीनरनेमा एडम्सी\" नाम दिया है।

कीटनाशकों के बिना फसल सुरक्षा के लिए नई खोजें

2 mins

हरित क्रांति ने भारत को खाद्य सुरक्षा हासिल करने में तो मदद की, लेकिन पोषण सुरक्षा कमजोर

जैसा आप खाते हैं, वैसे ही आप बनते हैं या यूं कहें, जो उगाते हैं, वही खाते हैं। कल्पना कीजिए, पूरी आबादी ऐसी चीज खा रही हो जिसमें कम पोषण हो, जिसमें विटामिन और वे जरूरी तत्व नहीं हों जो विकास, बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी हैं।

हरित क्रांति ने भारत को खाद्य सुरक्षा हासिल करने में तो मदद की, लेकिन पोषण सुरक्षा कमजोर

2 mins

पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल

पर्यावरण दिवस द्वारा हमें पर्यावरण और प्रकृति के महत्व को समझाया जाता है और देश के प्रयासों को दर्शाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति और पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।

पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल

6 mins

गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय

प्रमुख बिंदु - सिरका एक साधारण घरेलू नाम है, जो अपने पोषण गुणों के कारण स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण बहुत अधिक महत्व प्राप्त कर रहा है। अधिकतर व्यवसायिक इकाईयां और उद्यमी प्राकृतिक सिरके की उत्पादन तकनीक में निवेश कर रहे हैं और उससे लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय

4 mins

बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध

यदि किसान को कीटों के बारे जानकारी हो तो इन स्प्रेयों के खर्च और नुक्सान से बचा जा सकता है। हर फसल में यदि फसल को नुक्सान पहुँचाने वाले कीट आते हैं तो इन कीटों को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रण में रखने के लिए अनेकों मांसाहारी कीट भी फसल पर आते हैं। जरूरत है इन कीटों की जानकारी और इनके सर्वेक्षण की विधि के ज्ञान के बारे में।

बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध

10+ mins

मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय

मधुमक्खियाँ सर्वोत्तम परागणकर्ता होती हैं और अन्य कीटों की तुलना में इनको सबसे अधिक प्रभावी परागणकर्ता माना जाता है। फसल उत्पादन की दृष्टि से परागण तथा कीट नियंत्रण दोनों ही महत्वपूर्ण कार्य हैं और भरपूर उपज लेने के लिए दोनों में पर्याप्त सामंजस्य होना अनिवार्य है।

मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय

4 mins

जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित

2010 में आनुवंशिक रूप से संशोधित बीटी बैंगन के बाद, अब एक और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसल, जीएम सरसों बढ़ रही है। भारत के पर्यावरणविद, स्वास्थ्य और प्राकृतिक खेती के समर्थक, किसान, वैज्ञानिक और कार्यकर्ता शाकनाशी सहिष्णु सरसों को मंजूरी देने के मुद्दे पर भारत सरकार के साथ आमने-सामने हैं।

जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित

8 mins

चूजों में गम्बोरो बीमारी की रोकथाम के लिए नई वैक्सीन

किसी भी पोल्ट्री फार्म में अंडे के लिए पाले जाने वाले चूजों की संख्या पांच हजार से कम नहीं होती है। यदि चिकन वाले ब्रॉयलर चूजों की बात करें तो इनकी संख्या कम से कम 10 से 20 हजार होती है।

चूजों में गम्बोरो बीमारी की रोकथाम के लिए नई वैक्सीन

3 mins

किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार करेगा मौसम पूर्वानुमान

तेलंगाना में हुए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि मानसून के सटीक पूर्वानुमान किसानों को बेहतर निर्णय लेने में मददगार साबित होते हैं और इससे उन्हें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने में मदद मिलती है।

किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार करेगा मौसम पूर्वानुमान

2 mins

मूंगफली फसल सुरक्षा में एफ्लाटॉक्सिन प्रतिरोधक सिस्टम की खोज

मूंगफली किसानों को फंगल संक्रमण से भारी नुकसान झेलना पड़ता है। यह फंगल संक्रमण एस्परगिलस फ्लेवस के कारण होता है और इसे एफ्लेटॉक्सिन कहते हैं। यह फसल को प्रदूषित और संक्रमित करने के साथ ही मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।

मूंगफली फसल सुरक्षा में एफ्लाटॉक्सिन प्रतिरोधक सिस्टम की खोज

2 mins

नया प्रोटोकॉल अरहर के प्रजनन चक्र को 3-5 साल तक कम कर सकता है

अरहर जिसे भारत में तूअर भी कहा जाता है, देश की पोषण सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। भारत में मुख्य रूप से दाल के रूप में खाए जाने वाले प्रोटीन युक्त भोजन की मांग अधिक है- देश अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और आयातक भी है।

नया प्रोटोकॉल अरहर के प्रजनन चक्र को 3-5 साल तक कम कर सकता है

2 mins

क्या मक्का की बिजाई को प्रोत्साहित करने से बचेगा पानी

वर्तमान किसान आंदोलन में किसान संगठनों के साथ हुई कई दौर की वार्ता में केंद्र सरकार के पैरोकारों ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें सरकार धान के बदले मक्का, कपास, दलहन फसलों को अगले पांच वर्ष तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गारंटी देगी, लेकिन यह प्रस्ताव तकनीकी तौर पर अव्यावहारिक है।

क्या मक्का की बिजाई को प्रोत्साहित करने से बचेगा पानी

2 mins

पशुपालकों के लिए सिरदर्द पशु का पीछा मारना

दुधारू पशुपालन का व्यवसाय आज बहुत सारे किसान भाइयों के लिए मुक्य व्यवसाय बन चुका है। इसमें होने वाले आर्थिक लाभ से किसानों की उन्नति हो सकती है। आज के समय में बहुत से डेयरी कार्य पर महंगे से महंगे अच्छी नस्ल के पशु रखे जाते हैं।

पशुपालकों के लिए सिरदर्द पशु का पीछा मारना

3 mins

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

PublisherMehram Publications

CategoryBusiness

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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