Jyotish Sagar Magazine - April 2024
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In this issue
Jyotish Sagar’s April, 2024 issue has been published now. This issue is based on Hanuman Jayanti and Navaratri.
शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!
नशा एक बहुत ही नकारात्मक और परिवारों को नष्ट करने वाला होता है और इसी नशे की लत के चलते जातक अपने घर, कॅरिअर आदि सब-कुछ बर्बाद कर देता है।
2 mins
वास्तु शास्त्र से जानें कौनसे पेड़ लगाने चाहिए और कौनसे नहीं?
घर के समीप अशुभ वृक्ष लगे हों और उनको किसी कारण से नहीं काट सकते हों, तो अशुभ वृक्ष और घर के बीच में शुभ फल वाले वृक्ष लगा देने चाहिए।
4 mins
अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर
जैन धर्म की चार संज्ञाओं का बहुत महत्त्व है। प्रथम संज्ञा है 'जिनेन्द्र' अर्थात् जिन्होंने इन्द्रियों को जीतकर अपने वश में कर लिया है। दूसरी ‘अरिहंत’ अर्थात् जिन्होंने केवल ज्ञान प्राप्त किया है। तीसरी संज्ञा 'तीर्थंकर' है।
2 mins
ज्योतिष और वैवाहिक सुख
जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह हमारे मानव जीवन में अहम स्थान रखते हैं। यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र ही है।
3 mins
वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
अपनी जन्मपत्रिका में वक्री ग्रह को पहचानकर कोई भी व्यक्ति उस वक्री ग्रह द्वारा परोक्ष रूप से दी जाने वाली सीख को आत्मसात करके अपने जीवन को सरल बना सकता है।
8 mins
नववर्ष का अभिनन्दन
भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथियाँ मार्च और अप्रैल के माह में आती हैं। पंजाब में नया साल बैसाखी के नाम से 13 अप्रैल को मनाया जाता है।
2 mins
सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ
पाँच यज्ञ जातक प्रतिदिन कर ले, तो उसके सारे रोग, सन्ताप एवं बुरे कर्म ऐसे नष्ट होने लगते हैं, जैसे अग्नि लकड़ी को जलाकर राख कर देते हैं।
3 mins
नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...
स्त्री यदि वास्तव में दुर्गा एवं शक्ति का अवतार है, तो यह सम्मान उसे प्रत्येक स्तर पर मिलना ही चाहिए। चाहे वह धार्मिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या शिक्षा हो।
5 mins
शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र
रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्
2 mins
ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति
नवरात्र का पर्व व्यक्ति के भीतर स्थित आसुरी शक्ति (काम, क्रोध, असत्य, अहंकार आदि) को नष्ट कर दैवीय सम्पदा के तत्त्वों का प्रार्दुभाव करता है।
3 mins
नवरात्र पर कुमारी भोजन से पूर्व करें कढ़ाई पूजा
कढ़ाई पूजन एक ऐसी ही परम्परा है, जो आंचलिक भिन्नता के आधार पर अलग-अलग रूपों में प्रचलित रही है। कहीं यह बहुत संक्षेप में है, तो कहीं इसके साथ अन्य अनुष्ठान भी होते हैं।
1 min
हनूमान् जयन्ती पर करें भयनाशक हनुमत्स्तोत्र
इस स्तोत्र का प्रतिदिन तीन बार पाठ करने का विधान है, परन्तु दो बार भी कर लेना पर्याप्त है। इसे हनूमान् जयन्ती से आरम्भ करते हुए वर्ष पर्यन्त करना है। कुछ ही माहों में आप स्वयं के आत्मविश्वास में वृद्धि देखेंगे।
5 mins
हनूमान् जी की जन्मपत्रिका और उसमें विद्यमान प्रमुख योग
लग्नेश उच्च राशिस्थ ग्रह से देखा जाए, तो मरुत्वेग नाम का योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक वायुवेग के समान शीघ्रगमन करने वाला और अत्यधिक कल्पनाशील होता है।
4 mins
क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'
महाभारत का विराट् पर्व सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार रामायण में सुन्दरकाण्ड सर्वश्रेष्ठ काण्ड है। सुन्दरकाण्ड में राम सुन्दर हैं, कथाएँ सुन्दर हैं, सीता सुन्दर हैं, सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है?
8 mins
बासन्तीय नवरात्र पर विशेष - नवरात्र में 'जयन्ती' की महिमा और उसका प्रयोग
जयन्ती घर में सुख-समृद्धि एवं लक्ष्मीका सूचक मानी जाती है। सामान्यत: जयन्ती हरे रंग की होती है, परन्तु कभी-कभी श्वेत जयन्ती भी निकल आती है।
2 mins
शिव-शक्ति के महामिलन का दिवस है महाशिवरात्रि
शिव का अर्थ है 'कल्याणकारी'। सृष्टि के कल्याण के लिए ही समुद्र मन्थन से उत्पन्न विष को अपने कण्ठ में उतारा और 'नीलकण्ठ' बन गए। शिव का जो कल्याण करने का भाव है, वही 'शिवत्व' कहलाता है। 'शिवोहम्' का उद्घोष वही व्यक्ति कर सकता है, जो स्वयं के भीतर इस शिवत्व को धारण कर लेता है। उसे अपने आचारव्यवहार में उतार लेता है। महाशिवरात्रि पर शिव की उपासना तभी सार्थक होती है, जब हम दूसरों के कल्याण के लिए विष पीने को भी उद्यत हो जाएँ। इसी तरह हम शिवत्व प्राप्त कर सकते हैं।
3 mins
सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य
सेना सम्बन्धी कार्य, मुकदमेबाजी जैसे अदालती कार्य निबटाना, वाहन खरीदना, कलात्मक कार्यों जैसे विद्या, गायन-वादन, नृत्य आदि के लिए विशेष शुभ होती हैं।
3 mins
स्वामी दयानन्द का बोधोत्सव दिवस है शिवरात्रि
आज समस्त आर्य जगत् महाशिवरात्रि को ‘महर्षि दयानन्द बोधोत्सव' के रूप में मनाता आ रहा है।
2 mins
ऊँट पर बैठे आदमी को कैसे कुत्ता काट लेता है?
जानें हस्तरेखा विश्लेषण से
2 mins
वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा
महाशिवरात्रि पर विशेष
2 mins
जन्मपत्रिका से जानें मकान प्राप्ति के योग
रोटी, कपड़ा और मकान इन तीन चीजों को जीवन-यापन की मूलभूत आवश्यकता माना जाता है। हम अपनी कमाई से रोटी की व्यवस्था करते हैं, कपड़ों की भी व्यवस्था करते हैं, लेकिन एक अपना मकान बनाना अधिक समय और लागत माँगता है।
3 mins
शिवोपासना की महिमा
सृष्टि के प्रारम्भ में फाल्गुन त्रयोदशी (कृष्ण पक्ष की) तिथि को मध्यरात्रि में भगवान् शिव का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। शिवरात्रि के दिन व्रत एवं उपवास रखकर शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करने चाहिए।
3 mins
शिवरात्रि का वास्तविक मर्म
महाशिवरात्रि पर विशेष
3 mins
रात्रिजागरण एवं चार प्रहर पजा
08 मार्च, 2024 (शुक्रवार)
1 min
होलिका दहन का शास्त्रीय विधान
गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है अर्जुन! जो कुछ करते हो, जो कुछ खाते हो, अग्नि के अर्पण करते हो, दान देते हो, तपस्या करते हो, उसे मेरे अर्पण करते हुए करो।
2 mins
श्रीदुर्गासप्तशती : एक रहस्य
श्रीदुर्गासप्तशती के 700 श्लोक रूपी सीढ़ियाँ ब्रह्म की शक्ति भगवती चण्डिका के पास पहुँचने के माध्यम हैं। श्रीदुर्गासप्तशती के तीनों चरित्रों के विनियोग से ही इस विषय का स्पष्ट आभास होता है।
4 mins
सरवाड़ (केकड़ी) का वीणाधारिणी मूर्ति फलक
सभ्यता के उदय से ही मातृशक्ति की पूजा किसी न किसी रूप में प्रचलित रही है। सभ्यता के आरम्भ से ही मातृदेवी के रूप में मूर्त संकल्पना मानवीय एवं प्रतीक दोनों रूपों में मिलती है।
1 min
अनूठा है गजकेसरी योग
यदि गुरु और चन्द्रमा की युति होती है, तो जातक तेज दिमाग वाला, तुरन्त निर्णय लेने वाला, धार्मिक, परोपकारी तथा स्वयं के बल पर सफलता प्राप्त करने वाला होता है।
6 mins
बाँसवाड़ा की सरस्वती प्रतिमाएँ
बाँसवाड़ा जिले में तलवाड़ा ग्राम में स्थित माँ त्रिपुर सुन्दरी मन्दिर।
2 mins
विलक्षण सन्त श्री रामकृष्ण परमहंस
‘महाशय! क्या आपने ईश्वर को देखा है?' तब महान् साधक रामकृष्ण ने उत्तर दिया, ‘हाँ देखा है। जिस प्रकार तुम्हें देख रहा हूँ, ठीक उसी प्रकार, बल्कि उससे कहीं अधिक स्पष्टता से।'
2 mins
Jyotish Sagar Magazine Description:
Publisher: Jyotish Sagar Private Limited
Category: Religious & Spiritual
Language: Hindi
Frequency: Monthly
Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.
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