Farm and Food Magazine - April First 2024Add to Favorites

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In this issue

The most popular children’s magazine in the country, Champak has been a part of everyone’s childhood. It is published in 8 languages, and carries an exciting bouquet of short stories, comics, puzzles, brainteasers and jokes that sets the child's imagination free.

सरकार से परेशान देश का किसान

तकरीबन 2 साल पहले मोदी सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की हुंकार के साथ किसानों ने दिल्ली की घेराबंदी की थी. 'दिल्ली चलो' के नारे के साथ दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों ने डेरा डाला था, क्योंकि दिल्ली के अंदर घुसने के सारे रास्तों पर पुलिस ने सीमेंट दीवारों पर कीलकांटे जड़ कर किसानों और केंद्र सत्ता के बीच मजबूत दीवार खड़ी कर दी थी.

सरकार से परेशान देश का किसान

3 mins

बड़े काम का है बकरीपालन एप

इस एप में मिलेगी किसानों को बकरीपालन से जुड़ी नस्लों, योजनाओं की ढेरों जानकारी

बड़े काम का है बकरीपालन एप

2 mins

साधारण व्यक्तित्व के असाधारण प्रयासों से बुंदेलखंड के पानीदार होने की कहानी

जिस अनजान नायक ने बुदेलखंड को पानीदार बनाया, वे यह सब सामुदायिक सहयोग के बूते बगैर सरकार की सहायता के करते हैं. उमाशंकर पांडेय के पास न कोई एनजीओ है, न संस्था है, न कोई कार्यालय और न ही वाहन.

साधारण व्यक्तित्व के असाधारण प्रयासों से बुंदेलखंड के पानीदार होने की कहानी

6 mins

अप्रैल महीने में खेती के खास काम

साल का चौथा महीना अप्रैल फसलों की देखभाल के लिहाज से बड़ा अहम होता है. उत्तर भारत में गरमियों का दौर शुरू हो जाता है और दिन में सुस्ती का माहौल बनने लगता है. पर किसानों को इस से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि अप्रैल महीने में रबी मौसम की तमाम फसलों की कटाई का सिलसिला शुरू हो जाता है.

अप्रैल महीने में खेती के खास काम

4 mins

बागबानी : शहतूत की खेती

बीते दशक में किसान जहां एक तरफ मौसम की मार से हलकान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के उदासीन रवैए ने तोड़ कर रख दिया है. ऐसे में खाद व बीज की किल्लत, खेती में बढ़ती लागत व घाटे की खेती से उबरने के लिए किसानों को कुछ ऐसा करना होगा, जिस से उन की माली हालत में सुधार हो, बल्कि वह खेती के घाटे से उबर पाने में सक्षम हो.

बागबानी : शहतूत की खेती

4 mins

लीची की उन्नत बागबानी

गरमियों में बिकने वाले लजीज फलों में लीची सब से ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल है. यह बहुत स्वादिष्ठ और रसीला फल है. इस के खाए जाने वाले भाग को 'एरिल' कहते हैं. लीची को भारत में ताजा फल के रूप में खाया जाता है, जबकि लीची को चीन और जापान में यह सूखे फल के रूप में खाया जाता है.

लीची की उन्नत बागबानी

4 mins

संरक्षित खेती मौडल : कम जमीन में अधिक मुनाफा

संरक्षित खेती क्या है ? किसान कैसे कम जमीन में एकसाथ कई तरह की सब्जियों की खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं? इस को जानने के लिए फार्म एन फूड टीम ने बांदा कृषि विश्वविद्यालय का दौरा किया और विश्वविद्यालय के वैजिटेबल साइंस डिपार्टमैंट के हैड प्रोफैसर राजेश कुमार सिंह से विश्वविद्यालय परिसर में संरक्षित खेती के तहत टमाटर के साथ की जा रही अन्य सब्जियों की खेती के बारे में जानकारी ली.

संरक्षित खेती मौडल : कम जमीन में अधिक मुनाफा

6 mins

आलू की ग्रेडिंग मशीन

अलगअलग साइज में आलू छांटना

आलू की ग्रेडिंग मशीन

2 mins

आलू की खुदाई, छंटाई कृषि यंत्र

आलू जड़ वाली फसल है. फसल तैयार होने के बाद आलू की समय से खुदाई करना बहुत ही जरूरी है अन्यथा आलू खराब हो सकता है. कई बार बरसात व ओले गिरने का  भी डर बना होता है. इसलिए आलू की खुदाई का काम समय रहते पूरा हो जाना चाहिए, जिस से कि रखरखाव ठीक प्रकार से हो सके.

आलू की खुदाई, छंटाई कृषि यंत्र

2 mins

फसल कटाई व थ्रैशिंग यंत्र महिंद्रा हार्वेस्टर

फसल की कटाई व थ्रैशिंग का काम अब कृषि यंत्रों से होने लगा है. ज्यादातर किसानों द्वारा ट्रैक्टर का इस्तेमाल करना सामान्य सी बात हो गई है और लगता है कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए महिंद्रा कृषि यंत्र निर्माता कंपनी ने ट्रैक्टर के सहयोग से चलने वाला हार्वेस्टर बनाया है, जो फसल की कटाई और थ्रैशिंग का काम आसानी से करता है.

फसल कटाई व थ्रैशिंग यंत्र महिंद्रा हार्वेस्टर

2 mins

पशुओं के लिए खास गिनी घास

पशुपालकों के लिए साल के कुछ महीने ऐसे होते हैं, जिस में वह आसानी से हरा चारा ले सकता है, लेकिन गरमियों में प ज्यादा पानी व सिंचाई की कमी में पशुओं के लिए जरूरी मात्रा में हरा चारा उगा पाना कठिनाई भरा होता है.

पशुओं के लिए खास गिनी घास

3 mins

अधिक मुनाफा वाली सरसों किस्म आरएच 1424 व आरएच 1706

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित सरसों की उन्नत किस्में न केवल हरियाणा, बल्कि देश के अन्य प्रदेशों के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगी. इस के लिए विश्वविद्यालय ने नैशनल क्रौप साइंस, बीकानेर (राजस्थान), माई किसान एग्रो नीमच (मध्य प्रदेश), फेम सीड्स (इंडिया) व उत्तम सीड्स हिसार के साथ तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया है.

अधिक मुनाफा वाली सरसों किस्म आरएच 1424 व आरएच 1706

2 mins

प्राकृतिक खेती आज की जरूरत

प्राकृतिक खेती एक भारतीय पारंपरिक कृषि पद्धति है, जो प्रकृति के साथ तालमेल बना कर पर्यावरण संरक्षण के साथसाथ स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही टिकाऊ खेती को बढ़ावा देती है. प्राकृतिक खेती में रसायनों के प्रयोग को पूरी तरह से वर्जित किया जाता है और फसलोत्पादन के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग पौध पोषण एवं फसल सुरक्षा के लिए किया जाता है.

प्राकृतिक खेती आज की जरूरत

3 mins

बैगन की उन्नत खेती

सब्जियों में बैगन की खेती खास माने रखती है, क्योंकि किसानों को इसे बेचने में कोई परेशानी नहीं होती है.

बैगन की उन्नत खेती

5 mins

मुनाफे का एग्रीकल्चर बिजनैस आइडिया

आज देश में बढ़ती हुई आबादी और घटती हुई खेती की जमीन को देखते हुए जरूरी है कि इसे व्यवसाय के रूप में अपनाना होगा. लघु एवं सीमांत किसानों को अपनी आय में अगर इजाफा करना है तो वह किसी व्यवसाय को अवश्य अपनाएं.

मुनाफे का एग्रीकल्चर बिजनैस आइडिया

4 mins

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित की अनेक किस्में

वर्तमान समय में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान विकसित गेहूं की किस्में द्वारा तकरीबन 9 मिलियन हेक्टेयर में फैली हुई हैं और अन्न भंडार में 40 मिलियन टन गेहूं का योगदान करती हैं.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित की अनेक किस्में

5 mins

खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट है खास

कुछ ऐसे पदार्थ, जो सड़गल सकते हों या जैविक खाद का रूप ले सकते हों, जैसे घर की सागसब्जी या उस के छिलके, फलों के छिलके, पशुओं का गोबर, पेड़ पौधों के पत्ते, खेतों के अवशेष वगैरह जिन्हें सड़ने पर केंचुओं द्वारा खाया जाता है और मल के रूप में केंचुए जो पदार्थ निकालते हैं, वही वर्मी कंपोस्ट होता है.

खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट है खास

2 mins

ऐसे करें फसलों में रोग प्रबंधन

हमारे देश में कीटों और रोगों के प्रकोप से हर साल 18-30 फीसदी तक फसल बरबाद हो जाती है, जिस से देश को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. रोगों और कीटों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत पड़ती है. आज इन रासायनिक कीटनाशकों की खपत साल 1954 में 434 टन की तुलना में 90 के दशक में तकरीबन 90,000 टन तक पहुंच गई थी, जो अब 55,000 टन के आसपास है.

ऐसे करें फसलों में रोग प्रबंधन

5 mins

मिर्ची की खेती ने बदली गांव की तसवीर

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखंड के छान गांव का नजारा इन दिनों लालिमा लिए हुए है. यदि पहाड़ रा की ऊंचाई पर चढ़ कर देखें, तो दूरदूर तक सिर्फ मिर्ची ही मिर्ची सूखती हुई दिखाई देती हैं. यहां की मिर्ची न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी धूम मचा रही है. देशभर के व्यापारी गांव में आ कर मंडी लगाते हैं और यहां से विदेशों तक सप्लाई करते हैं.

मिर्ची की खेती ने बदली गांव की तसवीर

2 mins

55 दिनों में तैयार होगी 'जनकल्याणी मूंग'

वाराणसी के प्रगतिशील किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने बताया कि उन की 'कुदरत कृषि शोध संस्था' द्वारा मूंग की नई प्रजाति 'जनकल्याणी मूंग' विकसित की गई है, जिस की फसल मात्र 55 दिनों में पक कर तैयार हो जाएगी.

55 दिनों में तैयार होगी 'जनकल्याणी मूंग'

1 min

जलकुंभी से करें जल का उपचार

जलकुंभी एक जलीय पौधा है, जिस का उपयोग अपशिष्ट ज जल और भारी धातुओं को हटाने के लिए किया जा सकता है. जी हां, जलकुंभी फ्री फ्लोटिंग यानी स्वतंत्र रूप से तैरने वाला जलीय पौधा है, जिस का उपयोग अपशिष्ट जल के उपचार और भारी धातुओं को हटाने के लिए किया जा सकता है.

जलकुंभी से करें जल का उपचार

1 min

घीया की खास किस्म 'एचबीजीएच हाईब्रिड-35'

हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित घीया की संकर किस्म 'एचबीजीएच हाईब्रिड35 किस्म ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, जिस से कि किसान न केवल इस किस्म की अच्छी पैदावार पा सकते हैं, बल्कि अच्छी आमदनी हासिल कर अपनी माली हालत को मजबूत भी कर सकते हैं.

घीया की खास किस्म 'एचबीजीएच हाईब्रिड-35'

1 min

मार्च महीने में खेती के खास काम

इस महीने में जहां एक ओर रबी की फसलें तैयार होने को होती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जायद की तमाम फसलों की बोआई का सिलसिला चालू हो जाता है. गेहूं की फसल में दाने बनने लगते हैं. चीनी की फसल यानी गन्ना कटाई के लिए तैयार हो जाता है.

मार्च महीने में खेती के खास काम

4 mins

कैसे पहचानें असलीनकली उर्वरक

नकली एवं मिलावटी उर्वरकों की समस्या से निबटने के लिए समयसमय पर विभागीय अभियान चला कर जांचपड़ताल की जाती है, फिर भी यह आवश्यक है कि खरीदारी करते समय किसान उर्वरकों की शुद्धता मोटेतौर पर उसी तरह से परख लें, जैसे बीजों की शुद्धता, बीज को दांतों से दबाने पर कट और किच्च की आवाज से, कपड़े की गुणवत्ता 'उसे छू कर या मसल कर और दूध की शुद्धता की जांच उसे उंगली से टपका कर लेते हैं.

कैसे पहचानें असलीनकली उर्वरक

2 mins

जैव उर्वरकों से पोषण प्रबंधन और उपयोग के तरीके

पिछले कुछ दशकों में आत्मनिर्भरता की स्थिति तक कृषि की वृद्धि में उन्नत किस्म के बीजों, उर्वरकों, सिंचाई जल एवं पौध संरक्षण का उल्लेखनीय योगदान है. वर्तमान ऊर्जा संकट और निरंतर क्षीणता की ओर अग्रसर ऊर्जा स्रोतों के कारण रासायनिक उर्वरकों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं.

जैव उर्वरकों से पोषण प्रबंधन और उपयोग के तरीके

3 mins

जीवाणु कल्चर बायोडीकंपोजर

बायोडीकंपोजर 'जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र' द्वारा बनाया गया अपशिष्ट विघटनकारी है. न कोई खाद, न कोई पैस्टीसाइड, न फफूंदनाशी. यह कृषि की एक नई विधि है, जो पूरी तरह से जैविक है. यह बायोडीकंपोजर किसानों की लागत को आधा करती है. पैस्टीसाइड पर होने वाले खर्च को भी बहुत कम कर देती है.

जीवाणु कल्चर बायोडीकंपोजर

1 min

मिल्किंग मशीन : दुधारू पशुओं से दूध दुहने का खास यंत्र

मिल्किंग मशीन किसानों के लिए एक ऐसी खास मशीन है, जो घरेलू पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस के इस्तेमाल से पशुओं से साफसुथरा दूध निकाला जाता है. इस में समय भी कम लगता है और पशु भी सुविधा रहती है.

मिल्किंग मशीन : दुधारू पशुओं से दूध दुहने का खास यंत्र

4 mins

भारत में टौप सुपर सीडर

सुपर सीडर यंत्र किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस से मजदूरी, समय, पैसे आदि की भी बचत होती है. इस के उपयोग से हमारा वातावरण दूषित नहीं होता है और मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता दोनों ही अच्छी बनी रहती हैं.

भारत में टौप सुपर सीडर

2 mins

नेटाफिम सिंचाई तकनीक बूंदबूंद पानी का इस्तेमाल

आज के समय में पानी व सिंचाई ऐसा विषय है, जिन पर बहुतकुछ सोचा व किया जा रहा है, खासकर खेती की सिंचाई की बात करें, तो हमारे देश में अलगअलग जलवायु है. कहीं बेहिसाब पानी है, तो कहीं सूखा पड़ता है, इसलिए हमें पानी को ले कर जल संरक्षण के बारे में सोचना होगा. कम पानी में भी अच्छी खेती की जा सकती है. इस के लिए हमें खेती में सिंचाई के लिए आधुनिक तौरतरीकों को जानना होगा और उन्हें अपनाना होगा.

नेटाफिम सिंचाई तकनीक बूंदबूंद पानी का इस्तेमाल

2 mins

लाभकारी आर्टीमिसिया (क्वीन घास) की खेती

आर्टीमिसिया यानी क्वीन घास के बारे में लोगों को कम ही जानकारी होगी. बता दें कि मच्छरों से होने वाली बीमारी मलेरिया से बचाव के लिए जिन दवाओं का प्रयोग किया जाता है, वह आर्टीमिसिया (क्वीन घास ) नाम के औषधीय पौधें की सूखी पत्तियों से तैयार की जाती है. इसी वजह से दवा बनाने वाली कंपनियों में आर्टीमिसिया की सूखी पत्तियों की भारी मांग बनी रहती है. भारी मांग के चलते आर्टीमिसिया की खेती बेहद फायदे का सौदा साबित हो रही है.

लाभकारी आर्टीमिसिया (क्वीन घास) की खेती

2 mins

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Farm and Food Magazine Description:

PublisherDelhi Press

CategoryFood & Beverage

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

This issue talks about a range of topics from seeds to crops to post-harvest technology in a simple and easy to understand language, provides useful insights into farm machineries and marketing techniques too. Among various other features, you will find success stories, market analysis, technology tips and global trends in agricultural sector and its impact in agro-based industries and small businesses in India.

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