Panchjanya Magazine - September 04, 2022
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In this issue
जाम आम आदमी पार्टी
दिल्ली की धुत्त कर आम आदमी पार्टी शराब माफिया से साठगांठ किए बैठी थी. जांच बैठते ही पार्टी बैकफुट पर.परंतु राजनीतिक बयानबाजी से ज्यादा बड़ी बात एक राजनीतिक प्रयोग के सपने के टूटने की शुरुआत है
जाम-आम आदमी पार्टी
भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन से उपजी पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में गहरे पैठ गई है। तमाम घोटालों में आम आदमी पार्टी के विभिन्न नेताओं के जेल जाने, दाग लगने के बाद अब शराब घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया सीधे फंसे हैं। दिल्ली को धुत्त कर आम आदमी पार्टी शराब माफिया से साठगांठ किए बैठी थी। जांच बैठते ही पार्टी बैकफुट पर। एक राजनीतिक प्रयोग के सपने के टूटने की शुरुआत राजनीतिक बयानबाजी से कहीं ज्यादा बड़ी बात है
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आआपा के सपने पर वज्रपात
राष्ट्रीय पार्टी बनने की महत्वाकांक्षा पाले बैठी आम आदमी पार्टी पंजाब का इस्तेमाल लॉन्चिंग पैड के तौर पर करना चाह रही है। इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान न केवल समाचार पत्रों में ताबड़तोड़ विज्ञापन दे रहे हैं, बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां का भी दौरा कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली में सिसौदिया के खिलाफ सीबी आई छापे के बाद पार्टी के अभियान को गहरा आघात लगा है
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नई सरकार में हर तीसरा मंत्री दागी
बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार बनने के साथ ही विवादों में घिरी है। नए मंत्रिमंडल में शामिल 33 में से 23 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजद के सरकार में आते ही अपराधी बेखौफ
5 mins
घुसपैठियों से घिरता भारत
देश के सीमाई राज्यों में मुसलमानों की बढ़ती आबादी चिंताजनक है। राष्ट्र की संप्रभुता पर मंडराते इस प्रत्यक्ष खतरे ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की की चिंता बढ़ा दी है। इन घुसपैठियों से समय रहते निपटना जरूरी है
9 mins
गांधी नाम भारी अब वफादारों की बारी
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर गांधी परिवार अनिच्छा दिखा रहा है। दरअसल, गांधी नाम अब राजनीतिक सफलता की गारंटी नहीं रहा। इस बीच कई बड़े नेता अपने पदों से त्यागपत्र दे चुके हैं जिससे पार्टी सांसत में है। अब अटकलें गांधी परिवार से बाहर किसी अन्य को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की हैं। माना जा रहा है कि गांधी परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवादी राजनीति के विरोध के मुद्दे से सहमा हुआ है
6 mins
हिंदू उत्सवों से हटे प्रतिबंध
उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान हिंदू उत्सवों पर लगे प्रतिबंधों को शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा हटाए जाने से महाराष्ट्र के हिंदू समाज में जश्न का माहौल है। इस बार 4000 से अधिक स्थानों पर दही-हांडी का आयोजन हुआ। सरकार ने भी इसे साहसिक खेल का दर्जा देते हुए गोविंदाओं को नौकरियों में आरक्षण की घोषणा की। हिंदू समाज गणेशोत्सव को पूरी धूमधाम से मनाने की तैयारी में जुटा
4 mins
भर्ती में भ्रष्टाचार
केरल में राज्य सरकार के अधीन विवि में शैक्षिक पदों पर नियक्तियों में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला। लगातार शिकायतें आने के बाद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सभी विवि में नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। इससे नियुक्तियों में लाभ पाए माकपा नेताओं-कार्यकर्ताओं में हड़कंप है
2 mins
मछुआरों की आड़ विकास पर प्रहार
विदेशी इशारों पर चर्च देश में विकास विरोधी प्रपंच रचता रहा है। कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की बात हो या फिर तूतीकोरिन का स्टरलाइट कॉपर प्लांट या अब केरल का विझिंगम पोर्ट के निर्माण का विरोध, हर बार चर्च स्थानीय लोगों की आड़ लेकर विवाद पैदा करता है
2 mins
Panchjanya Magazine Description:
Publisher: Bharat Prakashan (Delhi) Limited
Category: Politics
Language: Hindi
Frequency: Weekly
स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में 'पाञ्चजन्य' साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।
अटल जी के बाद 'पाञ्चजन्य' के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्वश्री राजीवलोचन अग्निहोत्री, ज्ञानेन्द्र सक्सेना, गिरीश चन्द्र मिश्र, महेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तिलक सिंह परमार, यादव राव देशमुख, वचनेश त्रिपाठी, केवल रतन मलकानी, देवेन्द्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, भानुप्रताप शुक्ल, रामशंकर अग्निहोत्री, प्रबाल मैत्र, तरुण विजय, बल्देव भाई शर्मा और हितेश शंकर जैसे नाम आते हैं। नाम बदले होंगे पर 'पाञ्चजन्य' की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आया, वे अविचल रहे।
किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम कभी नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से 'पाञ्चजन्य' का जन्म हुआ, वह नाम है पं. दीनदयाल उपाध्याय।
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