डांग संवाददाता। सनातन धर्म की एक पवित्र परम्परा है 'विवाह'। अग्नि को साक्षी मानकर शास्त्रोक्त विधि से विवाह करने के पश्चात् ही वर और वधू गृहस्थ धर्म का पालन करने के अधिकारी होते हैं। परंतु आज कई जगह, विशेषकर आदिवासी, वनवासी क्षेत्रों में गरीबी व वैदिक रीतिरिवाजों की अनभिज्ञता के कारण लोग विधिवत् विवाह नहीं कर पाते हैं । ऐसे गरीब विवाहित दम्पतियों के धर्म-मर्यादारहित जीवन का फायदा उठाकर ईसाई मिशनरियाँ प्रलोभन द्वारा बड़े पैमाने पर उन्हें धर्मांतरण का शिकार बना रही हैं।
धर्मांतरणरूपी सामाजिक विकृति को हटाने व इसके विषवृक्ष की फैलती जड़ों को काट के धर्म-जागृति करने हेतु पूज्य बापूजी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में पिछले ६ दशकों से देशभर में अनेकानेक सशक्त प्रकल्प चलाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुजरात के धर्मांतरणग्रस्त डांग जिले के के जामलापाड़ा गाँव में संत श्री आशारामजी आश्रम, आश्रम की समिति, साधकों व अन्य ६ धार्मिक संस्थाओं ने मिलकर वैदिक विधि से १४१ जोड़ों का विवाह संस्कार कराया। इन जोड़ों को देने के लिए एक विशेष किट बनायी थी।
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आयुर्वेदिक चिकित्सा का अद्भुत प्रभाव 3 बड़े ब्लॉकेज फिर भी बिना बायपास सर्जरी के तंदुरुस्त
मई २०२२ की बात है। मुझे अचानक सीने में बहुत तेज दर्द हुआ। डॉक्टर ने जाँचें कीं और बोला: \"आपको सीवियर हार्ट-अटैक आया है, हृदय में ब्लॉकेज है।\"
महापातकनाशक तथा अगाध पुण्यराशि प्रदायक व्रत
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हृदय की पवित्रता दिलाती सफलता
जिसने अपने जीवन का मूल्य समझा वह चाहे व्यापारी की गद्दी पर हो, चाहे न्यायाधीश की कुर्सी पर हो वह अपने बाहर के सुख और ऐश से ज्यादा अपने हृदय की पवित्रता पर ध्यान देता है।
बापूजी के सत्संग-सद्भाव व आयुर्वेद के प्रभाव से हुआ वजन संतुलित
मेरे शरीर में सन् २०१२ में मेद (चरबी) अधिक हो गया था, वजन ७१ किलो था, आलस्य व अतिनिद्रा से भी मैं परेशान था। वजन घटाने के लिए मैंने एलोपैथिक दवाइयाँ शुरू कीं परंतु कोई लाभ नहीं हुआ, उलटे साइड इफेक्ट्स होने लगे तो दवाइयाँ वापस कर दीं।
आचार्य कौशिकजी के जन्मदिवस पर आयोजित धर्मसभा में संतों ने किया शंखनाद - पूज्य बापूजी निर्दोष हैं, उनकी शीघ्र रिहाई हो
गौ तीर्थ तुलसी तपोवन गौशाला, वृंदावन में २६ मार्च को आचार्य कौशिकजी महाराज ने अपने जन्मोत्सव को निमित्त बनाकर विशाल संत-सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य था विश्वहितैषी, राष्ट्रोत्थानकर्ता कर्मयोगी संत पूज्य आशारामजी बापू की शीघ्र रिहाई हेतु संतों द्वारा एकजुट होकर समाज एवं सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाना।
पुण्य-संचय व भगवत्प्रीति के लिए सर्वोत्तम मास
वैशाख मास: २३ अप्रैल से २३ मई
गर्मी या पित्त संबंधी समस्याओं का बेजोड़ उपाय : सफेद पैठा
सफेद पेठा (भूरा कुम्हड़ा) आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत लाभदायी फल, सब्जी तथा अनेकों रोगों में उपयोगी औषधि है। इसका पका फल सर्व दोषों को हरनेवाला है।
... और मुगल साम्राज्य का अंत हो गया
जो दूसरों को परेशान करके राज्य करते हैं अथवा जो दूसरों को परेशान करके मजा लेते हैं उनके लिए कुदरत की क्या-क्या व्यवस्था है ! मुगल शासन था। दो राजकुमार दिल्ली से बाहर जंगल में आखेट (शिकार) करने गये।