ग्लैमर की दुनिया में हमेशा सुर्खियों में रहने और लोगों का ध्यान खींचने के लिए आकर्षक दिखना बेहद जरूरी है. केवल डिजाइनर कपड़े पहनना, मेकअप और हेयरस्टाइल ही खूबसूरती का पैमाना अब नहीं रहा. इसीलिए अपनी खबसूरती को अधिक निखारने के लिए कई बौलीवुड ऐक्ट्रैसेस तरहतरह के एक्सपेरिमेंट करने से पीछे नहीं रहतीं. इस से वे अपने चेहरे को आकर्षक और खूबसूरत भी बना लेती हैं. बौलीवुड की मोस्ट सक्सैसफुल हीरोइनें ने भी प्लास्टिक सर्जरी से ही गुड लुक्स पाए हैं. अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा से ले कर अनुष्का शर्मा, शिल्पा शेट्टी जैसी कई हीरोइनें हैं जिन्होंने अधिक खूबसूरत दिखने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करवाई है और आज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफल हैं.
इस में वे अधिकतर अपनी जौ-लाइन, लिप्स, नाक आदि पर एक्सपेरिमेंट करती हैं, ताकि मोटी नाक, पतले होंठ, अच्छे उभार, सही जौ-लाइन आदि को क्रिएट कर सकें. लेकिन कई बार उन का यह दांव उन्हीं पर उलटा पड़ जाता है. अच्छी दिखने के बजाय उन का मूल रूप ही बिगड़ जाता है, जिस के चलते उन्हें सोशल मीडिया पर भी खूब खरीखोटी सुननी पड़ती है. फैंस उन का खूब मजाक बनाते हैं पर वे इसे करने से परहेज नहीं करतीं क्योंकि पहले भले ही वे पहले कुछ दिनों तक अजीब दिखती हों लेकिन बाद में उन की लुक सही बैठने पर अच्छी दिखने लगती है. इस श्रेणी में कुछ खास हीरोइनें हैं जिन्होंने अपने लुक से सब को चकित किया और इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई. आइए जानें ऐसी ऐक्ट्रैसेस के बारे में-
वाणी कपूर
इस श्रेणी में वाणी कपूर का नाम सब से पहले आता है. वाणी कपूर को फिल्मों में आने का शौक बचपन से था और वे इस की कोशिश भी कर रही थीं. लेकिन उन्हें कोई मौका नहीं मिल रहा था. कई जगह पर उन्हें अपने लुक्स को ले कर बातें भी सुनने को मिलती थीं. ऐसे में उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी करवाई और उन्हें काम मिलने लगा. अब तो वाणी कपूर को पहचान पाना भी मुश्किल हो गया है.
कैटरीना कैफ
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फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया
लाइलाज बीमारी कैंसर का हिंदी फिल्मों से ताल्लुक कोई 60 साल पुराना है. 1963 में सी वी श्रीधर निर्देशित राजकुमार, मीना कुमारी और राजेंद्र कुमार अभिनीत फिल्म 'दिल एक मंदिर' में सब से पहले कैंसर की भयावहता दिखाई गई थी लेकिन 'आनंद' के बाद कैंसर पर कई फिल्में बनीं जिन में से कुछ चलीं, कुछ नहीं भी चलीं जिन की अपनी वजहें भी थीं, मसलन निर्देशकों ने कैंसर को भुनाने की कोशिश ज्यादा की.
मोबाइल नंबर की अनिवार्यता
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घर में बनाएं जिम
जिम में जा कर ऐक्सरसाइज करने से अधिक सुविधाजनक यह है कि घर में ही अपना जिम बनाएं घर के जिम में आवश्यक ऐक्सरसाइज इक्विपमैंट ही रखें, जिस से कम बजट में इस को तैयार किया जा सके.
अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा
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गरमी में सब्जियां, खासकर हरी सब्जियां, जल्दी खराब होती हैं. ऐसे में वे आसान तरीके जानिए जिन से सब्जियों को जल्दी खराब होने से बचाया जा सकता है.
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पुरुषों के लिए बाइक चलाना सामान्य बात मानी जाती है मगर कोई महिला बाइक चलाए तो उसे हैरान नजरों से देखा जाता है.
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