एक नवंबर 1966 को महापंजाब से अलग होकर अस्तित्व में आए हरियाणा के सियासी इतिहास में करीब साढ़े तीन दशक तक सत्ता ‘लाल तिकड़ी’ (बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल) के हाथ रही। चौथे ‘गुदड़ी के लाल’ मनोहर लाल ने बगैर किसी सियासी तजुर्बे के पहली बार विधायक बनते ही प्रदेश का मुखिया बनकर ‘लठ गाड़ दिया।’ अक्टूबर 2014 में पहली बार ‘कमल’ खिलने पर 57 साल में 10 मुख्यमंत्रियों के हाथ रहे हरियाणा को अराजनीतिक परिवार से आने वाला पहला मुख्यमंत्री मिला। इसका श्रेय संगठन के दिनों के उनके साथी रहे नरेंद्र मोदी को जाता है।
मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के चार महीने बाद मोदी ने मनोहर को सत्ता के शीर्ष पर बैठाया। हरियाणा के दसवें मुख्यमंत्री मनोहर लाल 26 अक्टूबर को 9 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और अक्टूबर 2024 में 10 साल पूरे करने के बाद तीसरी पारी के लिए तैयारी में जुटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों की लाल तिकड़ी में सबसे अधिक समय 11 साल 11 महीने मुख्यमंत्री रहे भजनलाल का रिकॉर्ड चौथे लाल तोड़ पाएंगे या नहीं, यह वक्त बताएगा मगर इन दिनों चंडीगढ़ मुख्यमंत्री कार्यालय में कम बैठने वाले मनोहर लाल तमाम विधानसभा हलकों में ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ के जरिये मतदाताओं की नब्ज टटोलने में लगे हैं। इसे कांग्रेस के ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम की तोड़ बताया जा रहा है, जिसके जरिये पार्टी लोगों को सरकार की कमियों से बाखबर करने का दावा कर रही है, हालांकि मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि जनता उन्हें तीसरी बार भी मौका देगी। इस बार हालांकि सियासी समीकरण कैसे रहेंगे, अभी कहना मुश्किल है।
This story is from the November 13, 2023 edition of Outlook Hindi.
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जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
अगला द्रोण कौन
टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती
हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
क्या बदलाव होने वाला है?
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा