दरअसल, दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद और एक अहम सवाल- किसे कितनी सीटें मिलेंगी? इस बेहद महत्वपूर्ण लेकिन मुश्किल सवाल का जवाब जानने के लिए कॉन्क्लेव में देश के कुछ शीर्ष चुनाव विश्लेषकों को बुलाया गया. और इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि सभी विशेषज्ञों का मानना था कि मतदान से पहले भाजपा का पलड़ा भारी है. उस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सर्वेक्षणकर्ताओं ने 2019 के नतीजों के आधार पर राज्यों को तीन समूहों में विभाजित किया था वे जहां भगवा पार्टी की सीटें अपने चरम पर पहुंच गई हैं और अब वहां ज्यादा लाभ की गुंजाइश नहीं है, फिर वे राज्य जहां उन्होंने 60-80 फीसद सीटें जीत लीं और अधिक लाभ की उम्मीद वे कर रहे हैं, और फिर दक्षिण तथा पूर्व की 100 कठिन सीटें जहां उनकी जीत की दर 10 फीसद या उससे कम है.
This story is from the April 03, 2024 edition of India Today Hindi.
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बिसात का नया बादशाह
सत्रह साल के डी. गुकेश कैंडीडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने
तवायप की लाहौरी दुनिया का नायाब अफसाना
यह एक नितांत भव्य, महंगा, महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है या फिर संजय लीला भंसाली का दुनिया को उपहार? आजादी के दौर के लाहौर की छह तवायफों की इस गाथा के नेटफ्लिक्स पर रिलीज होते ही दर्शक हुए दीवाने
नेताजी...नहीं, चुनाव लड़ेंगे बेटीजी-बेटाजी
बिहार में बड़े नेताओं के छह बच्चों समेत 28 खानदानी प्रत्याशी मैदान में. कइयों ने टिकट मिलने से ठीक पहले पार्टियों की सदस्यता ली. तो क्या चुनावी टिकट नेताओं के परिजनों को ही मिला करेंगे और कार्यकर्ता सिर्फ दरियां बिछाया करेंगे?
सुरक्षित सीटों पर युवा दांव
यूपी में राजनैतिक दलों ने आरक्षित लोकसभा सीटों पर उतारे नए युवा उम्मीदवार, ज्यादातर अपने पिता की सियासी विरासत के सहारे चुनाव मैदान में
तेजस्वी की पहले से पुख्ता पकड़
बिहार का सियासी माहौल बेहद गरम. यहां राजद प्रमुख ने युवाओं से जुड़े मुद्दों को प्रधानमंत्री मोदी की अपील और नीतीश कुमार पर बुरी तरह आश्रित भाजपा से मुकाबले में औजार बनाया. नीतीश तो पुराना रुतबा गंवा ही चुके
कांग्रेस का अकेला सिपहसालार
अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस के गढ़ - मुर्शिदाबाद - में भाजपा और टीएमसी सेंध लगाने का कर रहीं प्रयास
मजबूती से मोर्चा संभालतीं ममता
भाजपा ने भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को बुरी तरह घेर रखा है. लेकिन ममता भी पूरी मजबूती से मोर्चे पर डटी हैं और उनकी पार्टी यह नैरेटिव गढ़ने में जुटी है कि भगवा पार्टी 'बंगाली विरोधी' है
कौन जीतेगा यह महायुद्ध?
महाराष्ट्र में अब तक की सबसे पेचीदा सियासी जंग में वोटों की तलाश करते दुल-मुल गठबंधन सत्ता संघर्षों और विश्वासघातों की दिलचस्प महागाथा रच रहे हैं
करो या मरो की जंग
महाराष्ट्र, बंगाल और बिहार के इलाकाई क्षत्रप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सियासत इतिहास गढ़ने के रास्ते में खड़े हुए हैं. अगर क्षत्रप उन्हें हराने में नाकाम हुए तो वे अपना राजनैतिक महत्व गंवा देंगे
कैसे शुरू हुई कलह
कांग्रेस डेढ़ दशक बाद दिल्ली में लोकसभा चुनाव में खाता खुलने की उम्मीद कर रही है, लेकिन इससे पहले अंदरूनी कलह से उसकी मुश्किलें बढ़ीं