डीआरडीओ के सामने वजूद का संकट
India Today Hindi|February 28, 2024
विजयराघवन समिति ने डीआरडीओ को फिर से पटरी पर लाने के लिए अपनी रिपोर्ट में संरचनात्मक, परिचालन और मानव संसाधन के स्तर पर कई सुधार सुझाए हैं. लेकिन कुछ सुझावों से असहमत वैज्ञानिकों का एक वर्ग इसके विरोध में उतर आया है
प्रदीप आर. सागर
डीआरडीओ के सामने वजूद का संकट

वरिष्ठ रक्षा वैज्ञानिकों का एक समूह के. विजयराघवन की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सूरत बदलने के प्रयासों से नाखुश है. इस तथ्य में कोई दोराय नहीं है कि देश में रक्षा अनुसंधान से जुड़ा प्रमुख संगठन कुछ व्यवस्थागत खामियों से घिरा है, जिसका नतीजा परियोजनाओं में अत्यधिक देरी और लागत बेतहाशा बढ़ने के तौर पर सामने आता है.

हालांकि, अग्नि तथा प्रलय मिसाइलें, हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस और अर्जुन टैंक के विकास जैसी महत्वपूर्ण सफलताएं हमारे सामने हैं, लेकिन विलंबित परियोजनाओं की भी सूची अच्छी-खासी लंबी है, जिसमें एलसीए मार्क-2 और एलसीए नेवी एयरक्राफ्ट, एयरो इंजन कावेरी और तापस बीएच-201 ड्रोन प्रमुख हैं. फरवरी 2023 में रक्षा मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी कि 'मिशन मोड प्रोजेक्ट' में शुमार उच्च प्राथमिकता वाली 55 परियोजनाओं में से 23 निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं. ऐसा माना जा रहा कि करीब 50 प्रयोगशालाओं और 30,000 से ज्यादा कर्मचारी क्षमता वाले इस संगठन ने रक्षा अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना बंद कर दिया है, और खुद को अन्य क्षेत्रों तक विस्तारित कर बहुत सारी परियोजनाएं अपने हाथ में ले ली हैं. सरकार चाहती है कि डीआरडीओ में सुधारों को लागू करके रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल के जरिये आयात पर देश की अत्यधिक निर्भरता घटाई जाए. सरकार रक्षा निर्यात के मोर्चे पर भी बड़ा बदलाव चाहती है जिसे 2025 तक 35,000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है.

पूर्व में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम समिति (1992), पी. रामाराव समिति (2008) और वी. रामगोपाल राव समिति (2020) जैसी कई उच्चस्तरीय समितियां भी डीआरडीओ को अधिक जवाबदेह और पेशेवर बनाने के उपाय सुझाकर स्थितियां सुधारने के प्रयास कर चुकी हैं. इसी क्रम में अगस्त 2023 में नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से गठित पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजयराघवन की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति को भविष्य की प्रौद्योगिकी के अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करने और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को गति देने के लिए अकादमिक/स्टार्ट-अप और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के उपाय सुझाने का जिम्मा सौंपा गया.

This story is from the February 28, 2024 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

This story is from the February 28, 2024 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView All
बिसात का नया बादशाह
India Today Hindi

बिसात का नया बादशाह

सत्रह साल के डी. गुकेश कैंडीडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने

time-read
1 min  |
May 15, 2024
तवायप की लाहौरी दुनिया का नायाब अफसाना
India Today Hindi

तवायप की लाहौरी दुनिया का नायाब अफसाना

यह एक नितांत भव्य, महंगा, महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है या फिर संजय लीला भंसाली का दुनिया को उपहार? आजादी के दौर के लाहौर की छह तवायफों की इस गाथा के नेटफ्लिक्स पर रिलीज होते ही दर्शक हुए दीवाने

time-read
7 mins  |
May 15, 2024
नेताजी...नहीं, चुनाव लड़ेंगे बेटीजी-बेटाजी
India Today Hindi

नेताजी...नहीं, चुनाव लड़ेंगे बेटीजी-बेटाजी

बिहार में बड़े नेताओं के छह बच्चों समेत 28 खानदानी प्रत्याशी मैदान में. कइयों ने टिकट मिलने से ठीक पहले पार्टियों की सदस्यता ली. तो क्या चुनावी टिकट नेताओं के परिजनों को ही मिला करेंगे और कार्यकर्ता सिर्फ दरियां बिछाया करेंगे?

time-read
9 mins  |
May 15, 2024
सुरक्षित सीटों पर युवा दांव
India Today Hindi

सुरक्षित सीटों पर युवा दांव

यूपी में राजनैतिक दलों ने आरक्षित लोकसभा सीटों पर उतारे नए युवा उम्मीदवार, ज्यादातर अपने पिता की सियासी विरासत के सहारे चुनाव मैदान में

time-read
10 mins  |
May 15, 2024
तेजस्वी की पहले से पुख्ता पकड़
India Today Hindi

तेजस्वी की पहले से पुख्ता पकड़

बिहार का सियासी माहौल बेहद गरम. यहां राजद प्रमुख ने युवाओं से जुड़े मुद्दों को प्रधानमंत्री मोदी की अपील और नीतीश कुमार पर बुरी तरह आश्रित भाजपा से मुकाबले में औजार बनाया. नीतीश तो पुराना रुतबा गंवा ही चुके

time-read
8 mins  |
May 15, 2024
कांग्रेस का अकेला सिपहसालार
India Today Hindi

कांग्रेस का अकेला सिपहसालार

अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस के गढ़ - मुर्शिदाबाद - में भाजपा और टीएमसी सेंध लगाने का कर रहीं प्रयास

time-read
3 mins  |
May 15, 2024
मजबूती से मोर्चा संभालतीं ममता
India Today Hindi

मजबूती से मोर्चा संभालतीं ममता

भाजपा ने भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को बुरी तरह घेर रखा है. लेकिन ममता भी पूरी मजबूती से मोर्चे पर डटी हैं और उनकी पार्टी यह नैरेटिव गढ़ने में जुटी है कि भगवा पार्टी 'बंगाली विरोधी' है

time-read
8 mins  |
May 15, 2024
कौन जीतेगा यह महायुद्ध?
India Today Hindi

कौन जीतेगा यह महायुद्ध?

महाराष्ट्र में अब तक की सबसे पेचीदा सियासी जंग में वोटों की तलाश करते दुल-मुल गठबंधन सत्ता संघर्षों और विश्वासघातों की दिलचस्प महागाथा रच रहे हैं

time-read
10+ mins  |
May 15, 2024
करो या मरो की जंग
India Today Hindi

करो या मरो की जंग

महाराष्ट्र, बंगाल और बिहार के इलाकाई क्षत्रप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सियासत इतिहास गढ़ने के रास्ते में खड़े हुए हैं. अगर क्षत्रप उन्हें हराने में नाकाम हुए तो वे अपना राजनैतिक महत्व गंवा देंगे

time-read
10 mins  |
May 15, 2024
कैसे शुरू हुई कलह
India Today Hindi

कैसे शुरू हुई कलह

कांग्रेस डेढ़ दशक बाद दिल्ली में लोकसभा चुनाव में खाता खुलने की उम्मीद कर रही है, लेकिन इससे पहले अंदरूनी कलह से उसकी मुश्किलें बढ़ीं

time-read
3 mins  |
May 15, 2024