100 शक्तिशाली महिलाएं : प्रशासन
India Today Hindi|January 03, 2024
राजनीति, कारोबार, विज्ञान, कला, मनोरंजन, खेल, शिक्षा, कानून और प्रतिरक्षा आदि विभिन्न क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाली वे महिलाएं, जिनकी मौजूदगी हमें यह एहसास कराती है कि आखिर महिला सशक्तीकरण के मायने क्या हैं
एम. जी. अरुण, सोनाली अचार्जी, अमरनाथ के. मेनन, अभिषेक जी. दस्तीदार, सोनल खेत्रपाल,
100 शक्तिशाली महिलाएं : प्रशासन

टेक्नोलॉजी जिनकी सहेली

माधबी पुरी बुच 57 वर्ष

अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड

जीवन के शुरुआती समय में ही माधबी पुरी बुच ने तय कर लिया था कि वे चाहे जिस भी क्षेत्र में काम करें, अपना प्रभाव जरूर छोड़ेंगी. आइआइएम, अहमदाबाद से एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने एक साल एक एनजीओ के साथ काम किया. लेकिन उस समय एनजीओ इतने संगठित नहीं हुआ करते थे. इसलिए 1989 में उन्होंने आइसीआइसीआइ का एक ऑफर स्वीकार कर लिया, जो तब बड़े पैमाने पर मैन्यूफैक्चरिंग का समर्थन करने वाला विकास संस्थान था. वहां उन्हें शीर्ष बैंकर के. वी. कामथ के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला और जैसा बुच बताती हैं, उनके लिए तब तक किसी व्यक्ति की उम्र या लिंग कोई मायने नहीं रखता था, जब तक वह अपना काम बखूबी कर रहा हो.

जैसे-जैसे आइसीआइसीआइ एक बैंक के तौर पर बदला, बुच को नई जिम्मेदारियां मिलने लगीं. तब तत्कालीन बॉस ने उन्हें एक सीख दी. वे बताती हैं, "मुझसे कहा गया था कि जब तक टेक्नोलॉजी के साथ कदमताल नहीं कर लेती, तब तक कंपनी में कोई अच्छा मुकाम नहीं हासिल कर पाऊंगी."

पांच महीने बाद ही बुच ने भारत के शुरुआती ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक आइसीआइसीआइ डायरेक्ट डॉट कॉम को लॉन्च कर पूंजी बाजार में कदम रखा. उन्हें बदलते दौर में टेक्नोलॉजी की भूमिका साफ नजर आ रही थी. वे बताती हैं, "यह बाजार में सबसे निचले पायदान के व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से सशक्त बना रहा था."

अपने शानदार करियर में कई निजी कंपनियों में नेतृत्व वाली भूमिकाएं निभाने के बाद 2017 में बुच के जीवन में तब एक बड़ा मोड़ आया जब उन्हें सेबी में पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया. उन्होंने मार्च 2022 में यहां अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली. वे कहती हैं, "हमने डेटा को बहुत कड़ाई से अपनाया है, यहां तक कि नीति निर्धारण में भी." सूचीबद्ध कंपनियों के बीच भेदिया कारोबार बाजार में हेरफेर का पता लगाने और कार्रवाई करने में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए बुच को जाना जाता है. उन्हें कई अन्य पहल करने का श्रेय भी दिया जाता है, जिनमें पुराने कानूनों की समीक्षा और उन्हें बदलने से जुड़े कदम उठाना भी शामिल है.

This story is from the January 03, 2024 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

This story is from the January 03, 2024 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView All
बॉस तो हुड्डा ही हैं
India Today Hindi

बॉस तो हुड्डा ही हैं

फसल चक्र या क्रॉप रोटेशन अपनाना खेत के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि राजनीति के मामले में भी ऐसा ही हो.

time-read
1 min  |
22 May, 2024
तेजस्वी की पहले से पुख्ता पकड़
India Today Hindi

तेजस्वी की पहले से पुख्ता पकड़

बिहार का सियासी माहौल बेहद गरम. यहां राजद प्रमुख ने युवाओं से जुड़े मुद्दों को प्रधानमंत्री मोदी की अपील और नीतीश कुमार पर बुरी तरह आश्रित भाजपा से मुकाबले में औजार बनाया. नीतीश तो पुराना रुतबा गंवा ही चुके

time-read
8 mins  |
May 15, 2024
कांग्रेस का अकेला सिपहसालार
India Today Hindi

कांग्रेस का अकेला सिपहसालार

अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस के गढ़ - मुर्शिदाबाद - में भाजपा और टीएमसी सेंध लगाने का कर रहीं प्रयास

time-read
3 mins  |
May 15, 2024
मजबूती से मोर्चा संभालतीं ममता
India Today Hindi

मजबूती से मोर्चा संभालतीं ममता

भाजपा ने भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को बुरी तरह घेर रखा है. लेकिन ममता भी पूरी मजबूती से मोर्चे पर डटी हैं और उनकी पार्टी यह नैरेटिव गढ़ने में जुटी है कि भगवा पार्टी 'बंगाली विरोधी' है

time-read
8 mins  |
May 15, 2024
कौन जीतेगा यह महायुद्ध?
India Today Hindi

कौन जीतेगा यह महायुद्ध?

महाराष्ट्र में अब तक की सबसे पेचीदा सियासी जंग में वोटों की तलाश करते दुल-मुल गठबंधन सत्ता संघर्षों और विश्वासघातों की दिलचस्प महागाथा रच रहे हैं

time-read
10+ mins  |
May 15, 2024
भगवा का जोर
India Today Hindi

भगवा का जोर

गोधरा में अमित शाह कारसेवकों का बलिदान याद किया. कांग्रेस का प्रचार 'अन्याय काल बनाम अमृत काल' पर केंद्रित है

time-read
3 mins  |
May 15, 2024
मियां वोट हासिल करने की मजबूरी
India Today Hindi

मियां वोट हासिल करने की मजबूरी

अपनी रणनीति को बदलते हुए असम के मुख्यमंत्री धार्मिक बयानबाजी से परहेज कर रहे हैं और इस पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा की अगुआई वाले एनडीए की सीट संख्या को रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाने के लिए मुस्लिम मतदाताओं को भी लुभाने की कोशिश कर रहे हैं

time-read
4 mins  |
May 15, 2024
राजा साहब लौटे पुराने मैदान में
India Today Hindi

राजा साहब लौटे पुराने मैदान में

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह 33 वर्ष बाद एक बार फिर बतौर कांग्रेस उम्मीदवार अपनी पुरानी सीट राजगढ़ से चुनाव मैदान में उतरे. बेहद कड़े माने जा रहे इस मुकाबले में जीत के लिए उन्होंने जमीनी स्तर पर जोरदार अभियान चला रखा है

time-read
4 mins  |
May 15, 2024
गढ़ में फिर उतरे सिंधिया
India Today Hindi

गढ़ में फिर उतरे सिंधिया

पिछले चुनाव में हार के बावजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पुश्तैनी सीट गुना जीतने के लिए लगा रहे जोर

time-read
4 mins  |
May 15, 2024
धमक दिखाने उतरा मुलायम का परिवार
India Today Hindi

धमक दिखाने उतरा मुलायम का परिवार

लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत मुलायम सिंह यादव परिवार के पांच सदस्य. यादव बेल्ट की कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद और आजमगढ़ सीट को फिर से जीतने की चुनौती

time-read
8 mins  |
May 08, 2024