अगले लोकसभा चुनावों के ऐन पहले राजनैतिक पार्टियां बदलाव के चौखटे पर कदम बढ़ाती दिख रही हैं, कम से कम नए राज्य विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री के चयन के मामले में भाजपा ने पचासेक वर्ष की उम्र के तीन नेताओं को विविध तबकों से चुनकर पीढ़ीगत बदलाव की अगुआई की है. राजस्थान में पहली बार विधायक बने 56 वर्षीय भजनलाल शर्मा नए मुख्यमंत्री हैं, जो ब्राह्मण हैं. ऐसा ही चौंकाने वाला चयन मध्य प्रदेश में चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जगह 58 वर्षीय मोहन यादव हैं, जो ओबीसी हैं. इससे पहले, छत्तीसगढ़ में भगवा पार्टी ने नए चेहरे 59 वर्षीय विष्णु देव साय को कुर्सी थमा दी, जो अनुसूचित जनजाति से हैं.
यह एक मायने में राजनैतिक परिदृश्य में आमूलचूल बदलाव जैसा है, जो तीन उत्तरी राज्यों में भगवा पताका लहराने के ऐलान के एक हफ्ते बाद, तीन दिनों में सामने आए. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ टिकाऊ गोलबंदी और मजबूती की अनिवार्यताओं के मद्देनजर किया. हालांकि फैसला तो नतीजों के अगले दिन 4 दिसंबर को ही किया जा चुका था, मगर इस तिकड़ी ने क्रमवार नामों के ऐलान से पहले हफ्ते भर तक इंतजार किया. ऐसे चैन की मोहलत कांग्रेस को देश के सबसे नए राज्य तेलंगाना के मामले में नसीब नहीं थी, जहां उसने सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से मामूली बहुमत के साथ सत्ता छीन ली. युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने में पीछे न रह जाएं, शायद इसलिए देश की सबसे पुरानी पार्टी ने भी तेजतर्रार 54 वर्षीय अनुमुला रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाया, जो 2017 में ही कांग्रेस में शामिल हुए थे.
सियासी दलील
This story is from the December 27, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December 27, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
फिर आ गया हूं मैं
फिल्म टिप्सी के जरिए सनसनीखेज वापसी करने के साथ दीपक तिजोरी कई और नए प्रोजेक्ट्स के जरिए अपने लिए नए-नए मुकाम बनाने की राह पर
चुनौतियों के बीच नया चेहरा
क्लासिक, म्यूजिकल, रियलिस्टिक नाटकों के नियमित शो; दूरदराज की आंचलिक जमीन से आए ताजगी से भरे कलाकार; और महत्वाकांक्षी प्लानिंग. देश के इस राष्ट्रीय रंगमंडल ने बढ़ी हलचलों से जगाई उम्मीद
परचम लहराती सरपंच
राजस्थान की उस सरपंच की कहानी जिसने अलग सोच, हौसले और मेहनत के बलबूते खेत से संयुक्त राष्ट्र तक लहराया परचम
सेना की गोरखा गुत्थी
कोरोना महामारी और अग्निपथ योजना के नेपाली विरोध से भारतीय सेना में गोरखा भर्ती थमी, गोरखा फौजियों की घटती संख्या देश के लिए रणनीतिक चिंता का विषय, खासकर इन अटकलों से कि इन लाजवाब लड़ाकुओं पर चीन की भी नजर है
वोटों की फसल, किसानों पर नजर
उत्तरी राज्यों में पसरे कृषि संकट के बीच किसानों में अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा ने व्यावहारिक नजरिया अपनाया, तो विपक्ष भी भारत के इस सबसे बड़े मतदाता तबके को रिझाने की जुगत में
पीले बालू के लिए लाल होती सोन नदी
बिहार में आखिरी चरण के चुनाव में चार सीटों का जुड़ाव कहीं न कहीं सोन नद से है. मगर अंधाधुंध रेत खनन, बराज पर गाद का जमाव और इनकी वजह से लोगों की आजीविका, खेती और दूसरे संकटों के सवाल पर इस चुनाव में कोई चर्चा नहीं
"बाल-बच्चा पियासल रहेगा तो पीएम-सीएम बनाने का क्या फैदा"
कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ पर बसे 108 गांवों में महिलाएं आज भी पानी ढोकर ला रहीं. सोलर बिजली भी कुछेक घरों में चंद घंटे के लिए. मोबाइल नेटवर्क तो ईश्वर को तलाशने जैसा
तिलों में बाकी तेल है कितना
उत्तर प्रदेश में छठे और सातवें चरण का लोकसभा पूर्वी यूपी में पिछड़ी जाति के कई दिग्गज नेताओं का कद तय करने जा रहा
जी जान से सुक्खू का अभियान
लगातार दो जीत के घोड़े पर सवार भाजपा को हिमाचल में मोदी मैजिक पर भरोसा है. मुश्किलें झेल रहे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुटबाजी की शिकार कांग्रेस की उम्मीद 2022 के विधानसभा चुनाव की जीत पर टिकी है
आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट
देशभर में आदिवासियों के लिए सुरक्षित लोकसभा की 47 सीटें पीएम मोदी के 400 पार अभियान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण लेकिन 2019 के मुकाबले इस बार इन्हें जीतना शायद उतना आसान नहीं