“क्या हुआ?” ध्रुव ने चिंतित हो कर पूछा.
“मेरे दांत में दर्द हो रहा है."
“पहले से हो रहा था या अभी सेब खाते हुए हुआ," आर्यन ने पूछा.
“पहले तो नहीं था, अभी होने लगा है."
“इसे हिला कर देखो. हो सकता है तुम्हारा दांत टूटने वाला हो.”
"यह क्या कह रहे हो वरुण ? भला सेब खाने से कहीं दांत टूटता है."
“दांत सेब खाने से नहीं बल्कि अपने समय पर टूटता है,” वरुण बोला.
“लेकिन मेरा दांत नहीं टूट सकता."
“क्यों नहीं टूट सकता? सब बच्चों के दूध के दांत टूटते हैं. अब मजा आएगा, जब तुम्हारे मुंह में भी दांत नहीं होगा. तुम मुझे चिढ़ाते थे. अब तुम्हारा नंबर आ गया है."
यह सुनते ही चंदन रोंआसा हो गया.
“चिंता मत करो चंदन, अभी आराम से खाना खा लो. घंटी बज गई तो तुम भूखे रह जाओगे," आर्यन ने उसे सांत्वना दी.
चंदन आगे के दांतों के बजाय साइड के दांतों से चबा कर सेब और सैंडविच खाने लगा.
वरुण की बात ने उसे परेशान कर दिया था. उसे याद आया जब सामने का एक दांत टूटने के बाद वह स्कूल आया था तो चंदन ने उस का खूब मजाक उड़ाया था. खाली जगह से उस की जीभ बात करते हुए बाहर निकल रही थी. यह देख कर वह हंसहंस कर लोटपोट हो गया था. बेचारा वरुण किसी से बात करते हुए मुंह पर हाथ रख देता था. दिन में उस का नया दांत निकल आया, तब जा कर उसे थोड़ी राहत मिली.
उस समय से चंदन का मन स्कूल में नहीं लग रहा था. वह जल्दी से जल्दी घर जाना चाहता था. छुट्टी की घंटी बजी. मां गेट पर उसे लेने आ गई थीं. उस के चेहरे को देख कर मां बोलीं, “क्या हुआ, तुम्हारा चेहरा क्यों उतरा हुआ है?”
“मां, मेरे दांत में दर्द हो रहा है.”
“कोई बात नहीं. दूध का दांत टूट जाएगा तो उस के साथ दर्द भी खत्म हो जाएगा,” मां ने उसे आश्वस्त किया.
वे उसे स्कूटी पर बिठा कर घर ले आईं. मां ने से उस के लिए खिचड़ी बनाई और बोलीं, "दर्द के कारण खाने में दिक्कत हो रही होगी? तुम खिचड़ी खा लो.”
"इंटरवल में सेब खाते ही दर्द शुरू हो गया था," चंदन ने बताया.
Diese Geschichte stammt aus der November Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
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