मौसम अब बदल गया है। ये बदलाव आपके वार्डरोब में दिखना चाहिए। यदि नहीं दिखता तो आप ऐसी बहन जी दिखेंगी, जिसे किसी भी तरह के बदलाव से फर्क नहीं पड़ता और बिना लुक्स को संवारे वह काम में दिन-रात जुटी रहती है। यदि आप यह सोच रही हैं यह बदलाव अमीरों के चोंचले हैं या फिर उनके लिए है जो कामकाजी है, तो बता दें मैडम आप बिल्कुल गलत सोच रही हैं। माना कि आप होममेकर हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप प्राकृतिक बदलावों को स्वीकारेंगी नहीं। यदि नहीं करती तो आपका आत्मविश्वास डगमगाएगा, जो दैनिक कार्यों में दिखेगा। अब गर्मियां आ चुकी हैं। आप कामकाजी हैं या होमेकर, दोनों ही स्थिति में वार्डरोब को मौसम के अनुरूप बदलें। इस लेख में आपको इस बाबत बहुत-सी जानकारी दी जाएगी, जिसे पढ़कर आप ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग पोर्टल्स पर किफायती दामों पर आउटफिट खरीद सकती हैं।
पतले फैब्रिक
फैशन डिजाइनर तुषार वर्षा का कहना है कि आप गर्मी के मौसम में ऐसे फैब्रिक के कपड़े पहनें जो सांस ले। ऐसा नहीं हो कि कपड़ों का फैब्रिक आपको चुभन दें, जिससे त्वचा के संक्रमण हो जाए। आप इंडियन, वेस्टर्न या इंडोवेस्टर्न कपड़े पहनें, कपड़ों का फैब्रिक इस मौसम में कॉटन, लिनेन, मेश और शिफॉन हो। इन फैब्रिक में पैंट, कुर्ती, लॉन्ग ड्रेस, पेपलम टॉप, अनारकली सूट आदि पहन सकते हैं। इस मौसम में सिंथेटिक और सिल्क का फैब्रिक का चयन बिल्कुल नहीं करें।
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बच्चे की आंखें खराब कर सकती है मोबाइल फोन की लत
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मां जब अपने नवजात शिशु को मालिश करती है तो उसके हाथों की गर्माहट बच्चे को आराम पहुंचाती है। धीरे-धीरे बच्चा मां का स्पर्श पहचानने लगता है और इस तरह दोनों में एक गहरा संबंध विकसित होता है जिसे हम मां-बच्चे का प्यार कहते हैं।
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