कोरोना के इस खराब दौर में पेरेंट्स की चिंता में इजाफा हो गया है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने बच्चे को इमरजेंसी के लिए तैयार करें। चाहे पेरेंट्स को किसी जरूरी काम के लिए घर से बाहर जाना हो या फिर वैक्सीन लगवाने ही कुछ घंटे के लिए घर से बाहर जाना हो, बच्चों को एकदम अकेले छोड़कर जाना खतरनाक हो सकता है। यह समय ऐसा है कि आप अपने बच्चे को किसी जानपहचान वालों के घर भी नहीं छोड़ सकते। ऐसी और भी कई वजहें हैं, जिनके कारण यह जरूरी हो जाता है कि आप अपने बच्चे को इमरजेंसी के लिए तैयार रखें। बच्चे के लिए उसका घर एक्सपेरिमेंट से कम नहीं होता। एक ओर जहां इलेक्ट्रिक अप्लायंसेज बच्चों को आकर्षित करते हैं तो खाना पकाने वाली गैस चूल्हे का नॉब भी उसकी नजर में होता है। इससे भी बुरा यह कि खुली बालकनी उसे बाहर निकलने का रास्ता प्रतीत होती है। यदि घर में एक हाइपर एक्टिव बच्चे को अकेले रहना हो तो वह परेशानी में फंस सकता है। इसलिए बतौर एक मां आपकी यह कोशिश होनी चाहिए कि आप अपने बच्चे को इमरजेंसी के लिए पहले से तैयार करके रखें। आने वाले समय में भले ही कोई भी खतरे के जाल में फंस सकता है और एक नन्हे के लिए यह खतरा जानलेवा साबित हो सकता है। अपने घर को सुरक्षित रखना और उसे किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार करना आपकी जिम्मेदारी है।
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Diese Geschichte stammt aus der April 2024-Ausgabe von Grehlakshmi.
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बच्चे की आंखें खराब कर सकती है मोबाइल फोन की लत
आजकल परिवार में जितने लोग हैं उतने ही मोबाइल फोन। बड़ों से लेकर बच्चों तक के हाथ स्मार्ट फोन दिन-रात रहता है। बच्चों में स्मार्टफोन की आदत उनके बचपन को शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
पुनर्जन्म की कहानियां सुनाती हैं बॉलीवुड की ये 5 फिल्में, आज भी हैं लोकप्रिय
बॉलीवुड में हमें न जाने कितनी ही ऐसी कहानियां देखने को मिलती हैं जो प्रेम कहानी, देशभक्ति, डरावनी या पुनर्जन्म पर आधारित हो। इन्हें बहुत पसंद किया जा रहा है। इनमें भी पुनर्जन्म की कहानियों को दर्शक बहुत पसंद करते हैं। तो चलिए जानते हैं उन कहानियों के बारे में -
जानिए अक्षय तृतीया के दिन क्यों खरीदा जाता है सोना चांदी
साल 2024 में अक्षय तृतीया का त्यौहार 10 मई को मनाया जाएगा। इस दिन गुरु का राशि परिवर्तन हो रहा है। अक्षय तृतीया को बहुत शुभ माना जाता है। भक्तजन इस दिन विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जाने से पहले ये बातें जरूर जान लें
रोमांच और जंगल दोनों का मेल बहुत अद्भुत होता है, यदि आप इसका आनंद उठाना चाहते हैं तो मई और जून की छुट्टियों में परिवार के साथ यहां जरूर जाएं। हिमालयी राज्य उत्तराखंड में स्थित यह 1318 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
बच्चों का टिफिन हो सेहत और स्वाद वाला
रोज-रोज अपने गोलू को टिफिन में पराठा और सब्जी देंगे, तो वो नाक-मुंह सिकोड़ेगा ही। बच्चे अक्सर एक ही तरह की चीज से ऊब जाते हैं, तो आप परेशान नहीं। चलिए आपको बताएं अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट और पौष्टिक टिफिन।
अनियमित पीरियड्स से इस तरह पाएं छुटकारा
आजकल लगभग हर महिला अपने पीरियड्स से परेशान है, उनके मन में सवाल आता है कि ऐसा क्यों होता है। तो चलिए आपकी इस समस्या के बारे में ठीक तरह से जानते हैं।
अपने होनहार को सिखाएं अधिक से अधिक भाषाएं
नए दौर के माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा ज्यादा से ज्यादा भाषाएं बोले क्योंकि भाषा आपके व्यक्तिगत विकास में सहायक होता है। लेकिन आपको तय करना है कि बच्चे कि पहली बोली कौन सी होनी चाहिए, उसकी मातृ भाषा, राजभाषा या फिर ग्लोबल भाषा।
मां के हाथों की मालिश दे शिशु को प्यार का एहसास
मां जब अपने नवजात शिशु को मालिश करती है तो उसके हाथों की गर्माहट बच्चे को आराम पहुंचाती है। धीरे-धीरे बच्चा मां का स्पर्श पहचानने लगता है और इस तरह दोनों में एक गहरा संबंध विकसित होता है जिसे हम मां-बच्चे का प्यार कहते हैं।
डिलीवरी के बाद पहले 40 दिनों में क्या करें और क्या न करें
प्रसव के बाद महिला का बदन कच्चा होता है इसलिए शुरू के 40 दिन उसका विशेष ख्याल रखा जाता है। इस अवधि को जापा कहा जाता है। कुछ लोग जापे के लिए मेड या दाई रखते हैं जोकि काफी महंगा विकल्प होता है। चलिए समझते हैं कि जापे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। साथ ही जापा दाई का विकल्प भी आपको बताते हैं।
नए बच्चे के आने पर बड़े बच्चे को माता-पिता इस तरह करें तैयार
घर के पहले बच्चे को माता-पिता सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, लेकिन जब छोटा भाई या बहन पैदा होता है तो यही प्यार बंट जाता है। ऐसे में बड़ा बच्चा असुरक्षित महसूस करने लगता है। इन परिस्थितियों में माता-पिता को बड़े बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए।