Chakmak Magazine - March 2022
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In this issue
Chakmak issue no 426, March 2022
सफेद गुब्बारे
अचानक से गुब्बारे मेरे चारों ओर मँडराने लगे! दूध जैसे रंग के, नुकीले, मेरे शरीर से भी बड़े। एक गुब्बारा मेरे मुँह में घुस गया। एक-एक करके वो मेरे मुँह में घुसे जा रहे थे। मैं चिल्लाना चाहता था। पर गला गुब्बारों से ठसाठस भर गया। उनकी नोक कई पिनों जैसी चुभ रही थीं।
1 min
पृथ्वी पर कुल कितने टी. रेक्स थे?
एक अनुमान है कि क्रेटेशियस काल के दौरान किसी एक समय में लगभग 20,000 टी. रेक्स पृथ्वी पर जीवित थे। यानी किसी एक समय में मध्य प्रदेश के बराबर क्षेत्र में लगभग 3,390 टी. रेक्स घूमते थे।
1 min
माल्टे वाले बीड़ा जी
पहली कहानी
1 min
नन्हा राजकुमार
लेखक को बचपन में बड़ों ने चित्र बनाने से हतोत्साहित किया तो वह पायलट बन बैठा। अपनी एक यात्रा के दौरान उसे रेगिस्तान में जहाज़ उतारना पड़ा। वहाँ उसकी भेंट एक छोटे-से राजकुमार से हुई। और फिर परिचय का सिलसिला शुरू हुआ। राजकुमार ने बताया कि वह एक छोटे-से ग्रह का निवासी है। राजकुमार ने अपने ग्रह के बारे में और बहुत-सी विचित्र बातें बताईं। अब आगे...
1 min
छोटी-सी फरमाइश
तालाबन्दी में बचपन
1 min
चालीस अलग-अलग फलों वाला एक पेड़
एक कलाकृति
1 min
मध्याह्न कब होता है?
लोकल नून पता करने के तीन तरीके
1 min
नन्हा राजकुमार
अब तक तुमने पढ़ा... लेखक को बचपन में बड़ों ने चित्र बनाने से हतोत्साहित किया तो वह पायलट बन बैठा। अपनी एक यात्रा के दौरान उसे रेगिस्तान में जहाज़ उतारना पड़ा। वहाँ उसकी भेंट एक नन्हे राजकुमार से हुई, जो किसी दूसरे ग्रह का निवासी है। राजकुमार ने लेखक को अपने ग्रह के बारे में बहुत-सी विचित्र बातें बताईं। आकाश से विचरते हुए उसने कुछ अलग-अलग ग्रहों में जाने के बारे में सोचा। पहले ग्रह में उसकी मुलाकात एक ऐसे राजा से हुई जो उस ग्रह पर अकेले रहता था। अब आगे....
1 min
मकड़ी का जाला
मकड़ी की बुनाई पर तितली को बड़ा फख था। “किसका होगा ऐसा घर! इतना महीन! पारदर्शी! उस पार पूरी दुनिया देखी जा सके। न ज़मीन, न आसमान। हवा के बीचोंबीच झूलता।”
1 min
तकिए में सुरक्षित ड्रेस
तालाबन्दी में बचपन
1 min
प्रवासी पक्षियों के फ्लाइवे
एशियाई प्रवासी पक्षी फ्लाइवे
1 min
इन्स्टलेशन कला
कला के आयाम
1 min
टाइम पास
तालाबन्दी में बचपन
1 min
चिट्ठिये पंख लगा के उड़ जा
कुछ पन्द्रह-सोलह साल की उम्र में मेरा लता मंगेशकर से उम्र भर का रिश्ता बना।
1 min
गलियाँ, आँगन और भूत
बात उन दिनों की है जब शाम होते ही गलियाँ आँगन में बदल जाती थीं।
1 min
नन्हा राजकुमार
भाग -8
1 min
'सुनो छोटी-सी गुड़िया की लम्बी कहानी'
लता जी के बचपन और संघर्ष की दास्तान
1 min
हँसी की खुशी
"जब तुम्हारी क्लास खतम हो चुकी है तो इतनी देर से फोन क्यों चला रही हो?" मम्मी की डाँट से वह परेशान हो गई और मम्मी पर भड़क उठी, “क्या है आपको। मुझे अच्छा लगता है और कभी आपने अपने से दिया है फोन मुझे! अब देखने दो!"
1 min
नन्हा राजकुमार
अब तक तुमने पढ़ा... लेखक को बचपन में बड़ों ने चित्र बनाने से हतोत्साहित किया तो वह पायलट बन बैठा। अपनी एक यात्रा के दौरान उसे रेगिस्तान में जहाज़ उतारना पड़ा। वहाँ उसकी भेंट एक नन्हे राजकुमार से हुई, जो किसी दूसरे ग्रह का निवासी है। राजकुमार ने लेखक को अपने ग्रह के बारे में बहुत-सी विचित्र बातें बताई। उसने लेखक को अपने प्रिय फूल के बारे में विस्तार से बताया। अब आगे...
1 min
कीटन की रहस्यमयी बीमारी
उस वक्त तक कीटन के दिल की धड़कन भी तेज़ होने लगी थी और उसके चेहरे पर गिरगिट समान रंग आने-जाने लगे थे। पर क्योंकि उसे ज़्यादा नखरा करने की आदत नहीं थी, वह किसी तरह रात 11 बजे घर लोट बिस्तर पर लेट गया। लेकिन नींद बिलकुल गायब थी।
1 min
आज दलिए को क्या हो गया
हम सभी को मूंग दाल और सब्जियों से बना दलिया बहुत पसन्द है। इसलिए यह एक ठीकठाक ही विकल्प लग रहा था। पर आज कुछ अजब-सा हुआ हमारे यहाँ...
1 min
अलविदा कमला भसीन
ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो ज़िन्दगी में इतनी अधिक व्यक्तिगत गर्दिशें झेलने के बाद भी हर पल जश्न मनाते हैं और फिर भी समाज को इतना कुछ देकर जाते हैं। कमला इसकी एक जीती-जागती मिसाल थीं। वो लाखों-करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा थीं।
1 min
मेरी डायरी का एक पन्ना
कल एक बहुत अच्छा दिन था। मेरे घर के छोटे बगीचे में दो छोटे कबूतर के चूज़ों का जनम हुआ!
1 min
बातचीत - हमारे रोज़मर्रा के जीवन के कुछ मददगार लोगों से
रोज़मर्रा के जीवन में हमारी अलग-अलग तरह से विविध लोग मदद करते हैं। हमने सोचा कि क्यों ना हम इनके बारे में थोड़ा और जान लें। सो इस अंक के लिए हमने बच्चों को ऐसे कुछ लोगों का इंटरव्यू करने के लिए कहा था। हमें भेजे गए इंटरव्यू में से कुछ तुम यहाँ पढ़ सकते हो।
1 min
जब हमारे अपने ही हमें डराएँ...
बचपन में हम सब को बड़ों ने कभी ना कभी डराया है। डराने के तरीके और कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन मोटे तौर पर हमें डराने का कारण होता है कि हम बस उनका कहा मान लें। इस अंक के लिए हमने तुमसे ऐसी ही कुछ बातें लिख भेजने को कहा था। बड़ी संख्या में बच्चों से इसके लिए जवाब मिले। कुछ जवाब तुम इन पन्नों में पढ़ सकते हो...
1 min
मीरा की चिट्ठी
कुछ साल पहले की ही बात है। मीरा और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते थे। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी। हम साथ खेलते थे, साथ-साथ खाते थे। हमारी शायद ही किसी बात पर टोकाटोकी हुई हो। हमारी दोस्ती की सुनहरी कहानी तो कहने लायक है।
1 min
मुझे खाने को चूहा कब मिलेगा!!
छोटा कहानी
1 min
वक्त-वक्त की बात है
हम सबमें हम सबका वक्त रहता है। मैंने सोचा, “चलो आज एक दोस्त से मिलके आता हूँ।”
1 min
दिल का रास्ता
मुझे टिफिन लव स्टोरी काफी प्यारी और मासूम लगती हैं। कितना ख्याल होता है उसमें। टिफिन किसी चिट्ठी की तरह एक-दूसरे तक पहुँचता है। खुशबुओं के साथ खुलता और जादू की तरह ज़बान पर घुलता...
1 min
ड्रेस जो छोटी पड़ गई
तालाबन्दी में बचपन
1 min
Chakmak Magazine Description:
Publisher: Eklavya
Category: Children
Language: Hindi
Frequency: Monthly
Children magazine in Hindi, A monthly science magazine for children that gives space to literature and art as well. Created for children 11-14 years old, it ignores stereotypes by treating children as sensible beings, speaking to them in a language of equals
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